13 Committee Employees Dismissed in Baloda Bazar: छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से प्रारंभ हुई धान खरीदी पर संकट हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासन ने पहले एस्मा लगाया था. अब बलौदा बाजार जिले में धान खरीदी व्यवस्था को निरंतर प्रभावित कर रहे सहकारी समिति कर्मचारियों की हड़ताल पर प्रशासन ने बेहद सख्त रूख अपना लिया है. अति आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (ESMA) के तहत कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने आज 13 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है, वहीं 3 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हड़ताल के चलते धान खरीदी कार्य में आ रही बाधाओं को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया गया है.
13 समिति कर्मचारी बर्खास्त
जिला खाद्य अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार जिस सूची में कार्रवाई की गई है, उसमें कई विकासखंडों के समिति प्रबंधक और विक्रेता शामिल हैं. सिमगा समिति की प्रबंधक मंजुला शर्मा, खोखली समिति के प्रबंधक राकेश कुमार टंडन, धुर्रा बांधा समिति के प्रबंधक मूलचंद वर्मा, रोहांसी समिति के प्रबंधक धर्मेंद्र साहू और तिल्दा समिति प्रबंधक रामकुमार साहू को सेवा से बर्खास्त किया गया है. प्रशासन का कहना है कि इन सभी कर्मचारियों ने धान खरीदी जैसे महत्वपूर्ण कार्य को बाधित किया, जिससे किसानों को संकट की स्थिति का सामना करना पड़ा.

इन समिति कर्मचारियों पर लगा गंभीर आरोप
इसी प्रकार कसडोल विकासखंड के अंतर्गत गिरौद समिति के विक्रेता नंद कुमार पटेल, हसुआ के विक्रेता गोकुल प्रसाद साहू, थरगांव के ललित साहू, कटगी के रामस्वरूप यादव, चिखली के खेलसिंग कैवर्त्य, कोसमसरा के विक्रेता अमित साहू, सरखोर के विक्रेता भीम साहू और लवन के विक्रेता रविकमल को भी बर्खास्त कर दिया गया है. प्रशासन ने इन कर्मचारियों पर किसानों को जानबूझकर परेशानी में डालने और कार्य में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है.

इन 3 कर्मचारियों पर FIR दर्ज कराने की तैयारी
इसके अलावा पलारी विकासखंड में कोनारी समिति के प्रभारी प्रबंधक राजेंद्र चंद्राकर, रोहरा समिति के कंप्यूटर ऑपरेटर बीरेंद्र साहू और रिसदा समिति के विक्रेता टीकाराम वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए गए हैं. शाखा प्रबंधक को इस संबंध में औपचारिक पत्र जारी कर दिया गया है.
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी एक संवेदनशील प्रक्रिया है और इसमें किसी भी तरह की बाधा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसानों की सुविधा और सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए ऐसे कर्मचारियों पर आगे भी कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.