
Bilaspur News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड में रिश्वतखोरी (Bribery) के गंभीर आरोप सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) को पद से हटाकर विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं, जबकि क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने की है.
क्या है पूरा मामला?
कोटा विकासखंड की शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने कलेक्टर द्वारा आयोजित कर्मचारी जनदर्शन कार्यक्रम में एक शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके दिवंगत शिक्षक पति के स्वत्व भुगतान के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी. शिक्षिका ने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से भी की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
कलेक्टर ने लिया एक्शन
जिला कलेक्टर ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसे टीएल पंजी में दर्ज कराया और जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिए. जांच के दौरान ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विजय पांडे और सहायक वर्ग-2 के कर्मचारी एकादशी पोर्ते के खिलाफ आरोप सही पाए गए. जांच में यह भी सामने आया कि शिक्षिका को बिना रिश्वत दिए स्वत्व भुगतान नहीं किया जा रहा था और जानबूझकर उनके मामले में देरी की जा रही थी.
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बीईओ और क्लर्क पर कार्रवाई
जांच रिपोर्ट के आधार पर बीईओ विजय पांडे को पद से हटाकर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. तब तक के लिए उन्हें खुरदूर कोटा में प्राचार्य पद पर पदस्थ किया गया है. वहीं, सहायक वर्ग-2 के कर्मचारी एकादशी पोर्ते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय रतनपुर हायर सेकेंडरी स्कूल निर्धारित किया गया है, जहां उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा.
कलेक्टर अवनीश शरण ने स्पष्ट किया कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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