
Baikunthpur News: कोरिया वन मंडल में भंवरलाल एक बड़ा नाम है. फॉरेस्ट का कोई भी निर्माण हो या सप्लाई इसमें भंवरलाल का नाम सबसे पहले सामने आता है. भंवरलाल विभाग में इस तरह पैठ जमा चुका हैं कि विभाग के सारे काम इसी से कराए जाते हैं. छोटी सी फेंसिंग से लेकर बड़ी मशीनों से होने वाले निर्माण सभी कार्यों का ठेका भंवरलाल को दिया जाता है लेकिन भंवरलाल कौन हैं यह विभागीय अधिकारियों के सिवा कोई नहीं जानता. खास बात यह है कि भंवरलाल का नाम कोरिया एसडीओ अखिलेश मिश्रा से जुड़े होने की चर्चा है.
दरअसल कोरिया वन मंडल में पिछले 10 साल से ज्यादातर निर्माण व सप्लाई भंवरलाल के नाम से हो रहे हैं. NDTV ने जब मामले की पड़ताल की तो मालूम चला कि भंवरलाल बाहरी राज्य का एक ठेकेदार है जिसके नाम पर कोरिया वन मंडल में कई निर्माण कार्यों से लेकर सप्लाई तक किए जा रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि वन विभाग में होने वाले निर्माण कार्यों का टेंडर भी विभाग में गुपचुप तरीके से किए जाते हैं और ज्यादा से ज्यादा कार्य भंवरलाल के जिम्मे दे दिया जाता है.
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दूसरे बड़े ठेकेदारों से विभाग ने बनाई दूरी
वनों में फलदार पौधों के प्लांटेशन हों या वन्य जीवों के पेयजल और भोजन की व्यवस्था, इसमें भी भंवरलाल का नाम जुड़ा आता है. हैरानी की बात यह है कि जिले समेत सरगुजा संभाग में कई बड़े कांट्रेक्टर हैं लेकिन वन विभाग ने इनसे दूरी बनाई हुई है. जिले में कई लोगों के पास मशीन और गाड़ियां मौजूद हैं पर वन विभाग उन्हें किराए पर ना लेकर आखिर इस व्यक्ति के नाम पर ही क्यों किराए पर लेता है, यह सभी ठेकेदारों में चर्चा का विषय है.
अफसरों को बड़े प्रलोभन देकर विभाग में बनाई पकड़
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भंवरलाल वन विभाग के अफसरों को कई बड़े प्रलोभन देकर विभाग में अपनी पकड़ बनाए हुए है. इन सालों में जब से भंवरलाल के नाम से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, वन विभाग के अफसरों की संपत्ति भी तेजी से बढ़ रही है. खासतौर पर एसडीओ अखिलेश मिश्रा का नाम इसमें सबसे आगे सामने आ रहा है. बीते सालों में एसडीओ पर कई बड़े आरोप लगे हैं लेकिन जांच नहीं होती है. इसका कारण है कि एसडीओ संभाग में सीसीएफ तो दूर मंत्रालय और डायरेक्ट्रेट तक अपनी पकड़ रखते हैं.
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फॉरेस्ट में गाड़ियां भी भंवरलाल के नाम पर
हद तो यह है कि निर्माण कार्यों से लेकर सप्लाई और गाड़ियां भी भंवरलाल के नाम पर चल रही हैं. जांच की बात यह है कि फॉरेस्ट विभाग के अफसरों के कई रिश्तेदारों के पास महंगी गाड़ियां हैं. इन गाड़ियों को भी भंवरलाल के नाम पर चलाया जा रहा है जबकि परिवहन विभाग से ये साफ है कि गाड़ियां किसके नाम पर चल रही हैं.
चामट पहाड़ पर सड़क भी इसी ठेकेदार के नाम
चामट पहाड़ सड़क, जहां गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, यह सड़क भी भंवरलाल के नाम पर बनाए जाने की चर्चा है. इसमें गाड़ियों से लेकर मशीन पूरा कार्य भंवरलाल के जिम्मे है. मामले में डीएफओ प्रभाकर खलखो से सवाल किया गया तो उन्होंने इसमें कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं रेंजर से लेकर अन्य अधिकारी भी मामले से बचते नजर आए.