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शांतिपूर्ण आंदोलन में ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने के मामले में कोर्ट की सख्ती, कॉलरी मैनेजर सहित 6 पर FIR दर्ज करने का आदेश

Koriya News: पाण्डवपारा के सोरगा और टेमरी गांव के करीब 150 ग्रामीणों द्वारा सोरगा देवालय चौक पर शांतिपूर्ण तरीके से कोल परिवहन बंद आंदोलन का आयोजन किया गया था. इसी दौरान ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने का प्रयास किया गया था.

शांतिपूर्ण आंदोलन में ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने के मामले में कोर्ट की सख्ती, कॉलरी मैनेजर सहित 6 पर FIR दर्ज करने का आदेश

Baikunthpur News: बैकुंठपुर में भूमि के बदले नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर हुए शांतिपूर्ण आंदोलन में ग्रामीणों को ट्रक से कुचलने के प्रयास के मामले में कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. न्यायालय ने इस मामले में कॉलरी मैनेजर सहित 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है.

कॉलरी मैनेजर सहित 6 के खिलाफ होगा FIR दर्ज

आदेश के बाद एसईसीएल बैकुंठपुर एरिया के पाण्डवपारा कॉलरी के मैनेजर भूपेन्द्र पाण्डेय, जीएम ऑपरेशन जी.राजेन्द्र कुमार, सुरक्षा गार्ड आजाद खान, पूरन सिंह, शिवव्रत पाण्डेय और ट्रक चालक राजकमल कुशवाहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.

शांतिपूर्ण आंदोलन में ग्रामीणों को कुचलने का प्रयास

यह मामला 30 मई 2025 को पाण्डवपारा के सोरगा और टेमरी गांव के करीब 150 ग्रामीणों द्वारा सोरगा देवालय चौक में आयोजित शांतिपूर्ण कोल परिवहन बंद आंदोलन से जुड़ा है. आरोप है कि आंदोलन के दौरान कॉलरी प्रबंधन के आदेश पर कोयला लोड ट्रक (क्रमांक CG 10 B 0342) को प्रदर्शन स्थल पर लाकर जबरदस्ती भीड़ के बीच से निकाला गया, जिससे कई लोग घायल हो गए. ग्रामीणों ने घटना का वीडियो भी बनाया, लेकिन पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया. वहीं आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

कई ग्रामीण घायल

आवेदक सोमारसाय ने बताया कि हमने शुरुआत से ही शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग रखी थी. बस इतना चाहते थे कि हमारी जमीन के बदले हमें नौकरी और मुआवजा दिया जाए, लेकिन इसके बजाय हम पर झूठा केस डाल दिया गया और असली दोषियों को बचाया गया. इस घटना में हमारी जान तक लेने की कोशिश हुई. इसका वीडियो भी है, फिर भी पुलिस ने हमारी बात नहीं सुनी. हमें थाना, एसपी और आईजी स्तर तक दौड़ाया गया, लेकिन हर जगह से निराशा मिली. मजबूर होकर हमें न्यायालय जाना पड़ा. अब कोर्ट का आदेश हमारे संघर्ष की जीत है और हमें उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.

जानें पूरा मामला

स्थानीय निवासी प्रवीण दुबे ने कहा कि उनकी जमीन का अधिग्रहण 1989 से 1992 के बीच हुआ था. जब हम 30 मई को हड़ताल कर रहे थे, तब प्रबंधन के निर्देश पर सुरक्षा कर्मी और ट्रक चालक वहां आकर गाली-गलौज की और भीड़ में गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया. कई लोग घायल भी हुए. हमने पटना थाना, एसपी और आईजी तक शिकायत की, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट की सरण ली. अब एफआईआर दर्ज करने का आदेश मिला.

अधिवक्ता केड़ी शर्मा ने न्यायालय में धारा 175(3) बीएनएसएस के तहत आवेदन प्रस्तुत किया था. सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पटना थाना प्रभारी को आदेशित किया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 117(2), 190, 191(2), 109, 110 सहपठित धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें.

पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुमार कुर्रे ने बताया कि न्यायालय के आदेशानुसार प्रथम दृष्टया अपराध दर्ज कर लिया गया है. जैसे-जैसे साक्ष्य सामने आएंगे उसी के अनुसार उचित कार्रवाई होगी. जांच जारी है और विवेचना पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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