
Balrampur News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में सालों पुरानी मांग पूरी नहीं होने के कारण ग्रामीण आक्रोश में हैं. इसको लेकर हजारों की तादाद में लोग सड़क पर उतरकर विरोध कर रहे हैं. इस दौरान ग्रामीणों ने जाम भी लगा दिया. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले इतनी बड़ी संख्या में सड़क पर आकर इन्होंने भाजपा सरकार (BJP Government) की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जिले के वाड्रफनगर में खरवार, खैरवार और खेरवार समाज के लोगों ने तीन घंटे तक सड़क जाम किया. ये सभी मात्रात्मक त्रुटि के चलते जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) नहीं बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर चक्काजाम
खरवार, खैरवार और खेरवार समाज के लोगों ने तीन घंटे तक सड़क जाम करते हुए अंबिकापुर-बनारस मार्ग पर चक्काजाम किया. आक्रोशित लोगों का कहना है कि अविभाजित मध्य प्रदेश के समय उन्हें जाति प्रमाण पत्र बनवाने में कोई दिक्कत नहीं होती थी, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से उन्हें जाति प्रमाण पत्र के लिए भटकना पड़ रहा है.
तीन घंटे तक मेन रोड जाम
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से खरवार, खैरवार और खेरवार समाज के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भटकना पड़ रहा है. मौके पर पहुंचे वाड्रफनगर एसडीएम ने समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के बाद उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी कर दी जाएगी. तब जाकर प्रदर्शन कर रहे खैरवार, खरवार और खेरवार समाज के लोगों ने चक्काजाम समाप्त किया.

खैरवार, खरवार और खेरवार समाज की मांग
दरअसल, जिले में लंबे समय से खैरवार, खरवार और खेरवार समाज के लोग जाति प्रमाण पत्र बनने में हो रही दिक्कतों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस समाज के लोगों का कहना है कि खैरवार, खरवार और खेरवार तीनों एक ही जाति है और मात्रात्मक त्रुटि के चलते उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. समाज के लोगों का कहना है कि अविभाजित मध्य प्रदेश के समय उन्हें जाति प्रमाण पत्र को लेकर इतनी दिक्कत नहीं होती थी.
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हक की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर
आपनी मांग को लेकर समाज के प्रदेश अध्यक्ष अमित सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उन लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. उन्होंने कई जगहों पर नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है. आगे उन्होंने कहा कि वो हक की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं. जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वो आगे भी समय-समय पर अपनी मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.
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