
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के उन्मूलन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग लगातार प्रभावी कदम उठा रहा है. इसी कड़ी में अब जिले की 225 ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त पंचायत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. इन पंचायतों में पिछले दो वर्षों से किसी भी प्रकार का बाल विवाह दर्ज नहीं हुआ है.
13 अक्टूबर तक दर्ज करा सकते हैं आपत्ति
कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन और जिला कार्यक्रम अधिकारी अतुल परिहार के नेतृत्व में विभाग ने दावा–आपत्ति आमंत्रित करते हुए कहा है कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था को इन पंचायतों में बाल विवाह के किसी प्रकरण की जानकारी है, तो वे 13 अक्टूबर 2025 तक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.
इन पंचायतों में बलौदा बाजार विकासखण्ड की 70, सिमगा की 40, भाटापारा की 36, पलारी की 27 और कसडोल की 52 ग्राम पंचायतें शामिल हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन पंचायतों की सूची सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालयों और जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में चस्पा कर दी है ताकि जनसामान्य इसकी जानकारी प्राप्त कर सकें.
दावा-आपत्ति के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, कक्ष क्रमांक 83, कंपोजिट कलेक्टोरेट बिल्डिंग, बलौदा बाजार में कार्यालयीन समय सुबह 10 से शाम 5:30 बजे तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे.
लगातार चलाए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम
जिला कार्यक्रम अधिकारी अतुल परिहार ने बताया कि जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए लगातार जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, समाजसेवियों और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भूमिका से कई इलाकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इन प्रयासों का ही परिणाम है कि जिले के अनेक पंचायत अब बाल विवाह मुक्त घोषित किए जाने की दिशा में अग्रसर हैं. यह पहल केवल एक औपचारिक घोषणा नहीं, बल्कि समाज में बाल विवाह के विरुद्ध जागरूकता फैलाने और बालिकाओं के शिक्षा व अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम है. विभाग को उम्मीद है कि आने वाले समय में पूरा जिला बाल विवाह मुक्त जिला घोषित होगा.
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