
साइबर ठगी के अपराध आए दिन सामने आते रहते हैं. शातिर ठग लोगों को ठगने के लिए आये-दिन नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं. अब ठगों ने सोशल मीडिया और फर्जी वेबसाइट के साथ ही पुलिस की FIR वेबसाइट का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है. दरअसल, कोरिया जिले के चरचा थाना क्षेत्र में ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां पर एक परिवार से सड़क दुर्घटना के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी करने के एवज में पैसे मांगे गए हैं. मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, चरचा थाना क्षेत्र में 5 दिन पहले सड़क हादसे में एक महिला को गंभीर चोट आई थी. हादसे में नगर सैनिक अमित राजवाड़े पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और एक्सीडेंट करने के आरोप लगे हैं. इसके बाद पीड़ित महिला की बेटी ने नगर सैनिक के खिलाफ चरचा थाने में FIR दर्ज कराई. जिसके 5 दिन बाद महिला के परिजनों के मोबाइल पर आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए ₹1500 वारंट इशू करने का शुल्क मांगा गया.
क्या अब FIR की छानबीन के लिए देने पड़ेंगे पैसे ?
पीड़ित के परिजनों ने बताया कि बीते दिन शाम 7:00 के लगभग एक मोबाइल नंबर से फोन आया. जिसमें व्यक्ति खुद को SP ऑफिस से राकेश कुमार बता रहा था. इसके बाद व्यक्ति ने अमित राजवाड़े के खिलाफ थाने में दर्ज कराई गई FIR को लेकर कहा कि लेकर आप समझौता करना चाहते हैं या कार्रवाई? जब पीड़ित परिवार ने कार्रवाई के लिए हामी भरी तो इसके बाद व्यक्ति ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए ₹1500 का शुल्क जमा करने की डिमांड की. परिजनों की तरफ से पैसों की व्यवस्था न होने की बात कहने पर व्यक्ति ने एक घंटे के बाद पैसा मोबाइल पेमेंट के जरिए देने की बात कही. 1 घंटे बाद भी पैसा ना मिलने पर उसने कम से कम ₹500 मांगे. लेकिन पीड़ित के परिजनों की तरफ से पैसे नहीं देने के बाद व्यक्ति ने उन्हें पुलिसिया कार्रवाई की धमकी दे दी और कहा कि आपने गिरफ्तारी शुल्क नहीं दिया है अब आप पर भी जुर्माना लगेगा और इस केस की फाइल को रद्दी की टोकरी में फेंक देंगे. इसके बाद पीड़ित परिवार ने चरचा थाने में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है.
ये भी पढ़ें - 'बुलडोजर के न्याय' पर 'कोर्ट का हथौड़ा', 2 लाख रु. जुर्माने के साथ घर तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश
आखिर ठगों को कहां से मिलता है आपका नंबर ?
इस मामले में एक कानून जानकार ने बताया कि पुलिस जिस कोड पर काम करती है उसे CRPC या CPC है. इसमें विभागीय कार्रवाई या फिर गिरफ्तारी के लिए किसी भी प्रकार के पैसे नहीं मांगे जाते. मोबाइल फोन पर साइबर की तरफ से नए-नए तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं. दरअसल पुलिस की ऑफिशल वेबसाइट से कोई भी थाने में दर्ज FIR को देख सकता है. यह पुलिस सिस्टम में पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाया गया था. लेकिन बहुत से लोग अब इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. FIR में मोबाइल नंबर दिए होने से कई बार लोगों को फोन आते हैं. इससे सतर्क होने की आवश्यकता है.
ये भी पढ़ें - MP News: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका, आधा दर्जन नेताओं ने थामा BJP का दामन