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CG News: यहां उल्टी-दस्त का प्रकोप, एक की मौत और 24 बीमार, अब सिंहदेव ने दी बड़ी सलाह

Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में इन दिनों उल्टी-दस्त की बीमारी से दर्जनों लोग पीड़ित हैं.शहर से लगे ग्राम जगदीशपुर में उल्टी-दस्त की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. जबकि दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं. आखिर क्या है उल्टी-दस्त की वजह?

CG News:  यहां उल्टी-दस्त का प्रकोप, एक की मौत और 24 बीमार, अब सिंहदेव ने दी बड़ी सलाह

Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में इन दिनों उल्टी-दस्त की बीमारी से दर्जनों लोग पीड़ित हैं.शहर से लगे ग्राम जगदीशपुर में उल्टी-दस्त की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई. जबकि दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिनका आईसीयू में इलाज किया जा रहा है. 

जगदीशपुर में पिछले कुछ दिनों से उल्टी-दस्त से इक्का-दुक्का ग्रामीण पीड़ित थे. वे इसके इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच रहे थे. इसी दौरान एक वृद्ध की उल्टी- दस्त से मौत होने की जानकारी जैसे ही सामने आई इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. 

मौत के बाद गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्रभावित गांव का दौरा किया तो पता चला कि ग्रामीण क्षेत्र में उल्टी-दस्त से दो दर्जन से ज्यादा लोग पीड़ित हैं. आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग ने सभी पीड़ित मरीजों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं उल्टी-दस्त के कारण गांव के बैसाखू राजवाड़े की मौत हो गई है हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसका खंडन कर रहा है. 

क्या बोले डॉक्टर? 

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक अर्पण सिंह चौहान का कहना है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल सभी उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों की स्थिति अब सामान्य है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उल्टी-दस्त से किसी की मौत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मौसम के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को लगातार पानी उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है.

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मरीजों से मिले सिंहदेव, दी ये सलाह

मामले की जानकारी मिलते ही पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रभावितों के घर जाकर उनसे मुलाकात की और उन्हें पानी उबाल कर पीने की सलाह दी. उन्होंने प्रशासन से कहा कि गांव के हैंडपंप और पेयजल से संबंधित अन्य स्त्रोतों के जल का परीक्षण कर संक्रमित स्त्रोतों को प्रतिबंधित करें. साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग गांव में कैम्प लगाकर लोगों का इलाज करे. 
बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग ने गांव में कैम्प लगाकर इलाज शुरू दिया है. वहीं जल संसाधन विभाग ने गांव के जल का लैब में टेस्ट कराया तो पाया कि पेयजल संक्रमित हैं जिसके उपयोग से ऐसी स्थिति निर्मित हुई.

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