Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने यूके दौरे (CM Dr Mohan Yadav UK Visit) के समापन पर कहा है कि इंग्लैंड का दौरा हमारे लिए कई अर्थों में बहुत महत्वपूर्ण रहा है. सभी प्रकार के अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निवेश (Investment) आए हैं. आज बदलते दौर में मध्यप्रदेश में जो संभावनाएं हैं, उनको देखते हुये बड़े पैमाने पर नए निवेशकों ने रुचि दिखाई है, मुझे इस बात का संतोष है कि हमें 60 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए हैं. इसमें सभी प्रकार के सेक्टर जैसे चिकित्सा, उद्योग, माइनिंग और सर्विस सेक्टर शामिल है. एग्रीकल्चर में भी लोगों ने रुचि दिखाई है.
इंग्लैंड दौरा बेहद महत्वपूर्ण रहा, यहां निवेशकों ने मध्यप्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने को लेकर रुचि दिखाई। मुझे प्रसन्नता है कि 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 27, 2024
आज मैंने University of Warwick जाकर भारतीय छात्रों से संवाद कर अपने विचार भी साझा… pic.twitter.com/AVWKjkYtDD
सीएम मोहन यादव ने विदेश प्रवास के दौरान लंदन में अपनी यात्रा के अंतिम दिन फ्रेन्ड्स ऑफ एमपी चैप्टर के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया और समूह सदस्यों से भेंट कर उन्हें मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष भोपाल में आईटी हब बनाने और अंतर्राष्ट्रीय हवाई सेवा प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा गया.
नई उड़ान भर विकास पथ पर अग्रसर
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 28, 2024
हमारा मध्यप्रदेश
हर सेक्टर में हैं असीमित संभावनाएं...
आइये, बेहतर परिवेश में निवेश को बनाएं ग्रोथ का आधार@DrMohanYadav51 @Industryminist1 @investindia @ficci_india @MPIDC #InvestMP #FutureReadyMadhyaPradesh #GISMP2025 #MPIDC #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Xp3NeEtNUs
इन सेक्टर्स पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि हम विदेशी निवेश को मध्यप्रदेश की धरती पर आमंत्रित करने के लिए यहां आए हैं. अनेक उद्योगपतियों ने विभिन्न सेक्टर्स में निवेश के लिए रूचि दर्शायी है. आईटी सेक्टर, शिक्षा, रिन्यूएबल एनर्जी, उद्योग, माइनिंग, फूड प्रोसेसिंग, हेल्थ और सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में निवेश के लिए उद्योगपति आगे आए हैं. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति का मुख्य आधार वहां के उद्योग धंधे हैं. औद्योगिक दृष्टि से कौन कितना अधिक संपन्न है. यह उनकी इंडस्ट्रियल ग्रोथ बताती है, जितने अधिक उद्योग धंधे होंगे उतने अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं.
नवाचार, नवान्वेषण लगातार होते रहना चाहिए...@DrMohanYadav51 @FollowCII @HCI_London @IndianDiplomacy @Industryminist1 #InvestMPinUK#InvestMP pic.twitter.com/nDKIS9UiLh
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 27, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को लंदन की वार्विक यूनिवर्सिटी पहुंचे और विशेष-विशेषज्ञों से संवाद किया. उन्होंने कहा कि यह भट्टाचार्य जी के द्वारा स्थापित किया हुआ कैम्पस है, इसमें 30 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं. यहाँ रिसर्च की मूल कल्पना है कि रिसर्च के साथ में इनोवशन भी करें, जिसका लाभ उद्योगों के साथ समाज को भी मिले. इससे हम बदलते दौर में स्वयं के विकास के साथ मानवता की सेवा भी कर सकते हैं. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऑटोमोटिव क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्य जारी है, अभी भी अपार संभावनाएं विद्यमान हैं. उन्होंने कहा कि संभावनाएँ तलाशी जायेंगी कि मध्यप्रदेश के युवा यूके के वार्विक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप में आकर दक्षता अर्जित करें और ग्रुप के विशेषज्ञ भी मध्यप्रदेश आकर प्रशिक्षण उपलब्ध कराएं. साथ ही विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से डबल्यूएमपी ग्रुप को संबद्ध करने की दिशा में भी पहल होगी.
"जय श्री स्वामीनारायण"
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) November 27, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज लंदन स्थित BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने भक्ति भाव से प्रार्थना की और साधु समुदाय के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री जी ने मंदिर की दिव्यता और शांति का अनुभव करते हुए इसे आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का… pic.twitter.com/uZHTAV6JBO
स्वामी नारायण संप्रदाय और इस्कॉन करेंगे प्रदेश में नये केंद्र निर्मित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लंदन यात्रा के दौरान भगवान स्वामी नारायण मंदिर जाने और स्वामी नारायण सम्प्रदाय तथा इस्कॉन के सदस्यों से भेंट का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मध्यप्रदेश में दो प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं, साथ ही प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में विभिन्न लोकों का निर्माण हो रहा है. स्वामी नारायण संप्रदाय और इस्कॉन भी मध्यप्रदेश में अपने नये केंद्र निर्मित करेंगे. उनकी धार्मिक मान्यताओं के आधार पर देव स्थानों की स्थापना से मंदिर संस्कृति और आध्यात्मिक संस्कारों का विस्तार होगा और प्रदेशवासियों को इन सम्प्रदायों से जुड़कर आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.
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