Employment News Today: देश में बेरोजगारी (Unemployment) की मार झेल रहे युवाओं के अच्छी खबर है. दरअसल, भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम (MSME) इकाइयों में साल 2025 तक करीब 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार (Employment) में होंगे. यानी इस दौरान देश में एमएसएमई इकाइयों में करीब दो लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
इन क्षेत्रों में मिलेंगे रोजगार के मौके
ग्लोबल टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर, एनएलबी सर्विसेज की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि नए रोजगार के अवसर शहरी और ग्रामीण दोनों में सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मिलेंगे. एमएसएमई में नई उभरती हुई इंडस्ट्रीज जैसे ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट में रोजगार के अवसरों में बढ़त देखने को मिलेगी. एनएलबी सर्विसेज के सीईओ, सचिन अलुग के मुताबिक भारत 633.9 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम इंटरप्राइजेज का केंद्र है, जो कि विशेषकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में रोजगार देती है. मौजूदा समय में लघु उद्योग जो कि कुल इंडस्ट्रियल यूनिट्स का 96 प्रतिशत है. यह देश में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है.
देशों में MSME का अर्थव्यवस्था में 77 प्रतिशत योगदान है
जीडीपी में एमएसएमई क्षेत्र का योगदान 33 प्रतिशत है और यह देश के कुल रोजगार में 62 प्रतिशत का योगदान देता है. अलुग ने आगे कहा कि अन्य उभरते हुए देशों में एमएसएमई का अर्थव्यवस्था में योगदान 77 प्रतिशत है जो कि दिखाता है कि भारत में अभी एमएसएमई के विकास के लिए काफी स्थान शेष है. आपको बता दें कि महामारी और डिजिटाइजेशन के बढ़ते चलन के कारण निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्टिंग और सप्लाई-चेन एमएसएमई में रोजगार के अवसर बढ़े हैं.
इन राज्यों में मिलेंगे रोजगार के ज्यादा मौके
रिपोर्ट में बताया गया कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना में नए रोजगार के अवसर सबसे अधिक पैदा होंगे. 24.44 प्रतिशत सूक्ष्म, 5.26 प्रतिशत लघु और 2.77 प्रतिशत मध्यम उद्योगों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं. पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई में ज्यादा अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है.
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आगे कहा कि अगले पांच वर्षों में महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़त हो सकती है. इससे रोजगार के अवसर आने वाले समय में और बढ़ेंगे.
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