विज्ञापन
This Article is From May 04, 2025

Corruption : तालाब निर्माण के नाम पर सरकारी पैसों का गबन! मृतकों के नाम से भरी हाजिरी, ग्रामीणों ने खोली पोल

Corruption In Jashpur : मनरेगा योजना के अंतर्गत बनने वाले लघु तालाब में बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई है. मिली भगत जो भ्रष्टाचार किया जा रहा था, उसकी पोल खुलने लगी है. ग्रामीणों ने विरोध करते हुए इस मामले पर एक्शन की मांग की है.

Corruption : तालाब निर्माण के नाम पर सरकारी पैसों का गबन! मृतकों के नाम से भरी हाजिरी, ग्रामीणों ने खोली पोल
जशपुर: ग्रामीणों ने तालाब निर्माण में हो रही धांधली की खोली पोल, कार्रवाई की करी मांग.

CorruptionTalab Construction In Jashpur : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के ग्राम पंचायत जमरगी बी में लघु तालाब निर्माण के नाम पर वित्तीय अनियमितता की लेकर ग्रामीणों ने लामबंद हुए है. इस मामले में आरोप है कि रोजगार सहायक और पंचायत सचिव की मिलीभगत से शासकीय राशि का बंदरबांट करने का आरोप लगाया  है. ग्रामीणों ने बताया कि इन अधिकारियों ने झूठी हाजरी भरकर रुपये आहरित किए, जिससे सरकार की योजना का लाभ असली लाभार्थियों तक नहीं पहुंच सका.

मृतक के नाम से फर्जी हाजरी भरकर रकम हड़पी गई

ग्राम पंचायत जमरगी बी के झिंगरेल बस्ती में मनरेगा के तहत वर्ष 2021-22 में लघु तालाब के निर्माण के लिए 2 लाख 60 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रोजगार सहायक और पंचायत सचिव ने मृतकों के नाम से भी हाजिरी भर दी और उनके नाम से भुगतान निकाल लिया. मृतक के नाम से फर्जी हाजरी भरकर रकम आहरित की गई. इसके अलावा, हाजिरी भरी गई और राशि को आहरित किया गया.

हालांकि, यह कार्य अब तक ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त शिकायत पत्र कलेक्टर को सौंप कार्रवाई की मांग की, शिकायत में यह उल्लेख किया गया है कि शासकीय राशि का गलत तरीके से आहरण किया गया, जबकि लघु तालाब का निर्माण कार्य आज भी अधूरा पड़ा हुआ है.

अनियमितता की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

स्थानीय संतोष खलखो, एक स्थानीय ग्रामीण, ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि अनियमितता की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और जो भी अधिकारी इस अनियमितता में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि बिना जांच के ही अधिकारियों द्वारा कार्यों का ऑडिट करना और भुगतान को आहरित करना नियमों का उल्लंघन है.

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सचिव और रोजगार सहायक ने कार्य का ऑडिट बिना उन्हें सूचित किए किया. उन्हें विश्वास में लिए बिना ही कार्य पूर्ण होने का ऑडिट करवा दिया गया. इसके अलावा, इस कार्य में काम करने वाले मजदूरों का अभी तक भुगतान लंबित है, जो नियमों के खिलाफ है.

ये भी पढ़ें- Hi-tech court : सीएम मोहन ने दिया रीवा को अहम तोहफा, MP के पहले 'हाईटेक कोर्ट' का किया लोकार्पण

'अभी तक उन्हें कोई राशि नहीं दी गई'

संतोष खलखो ने बताया कि पंचायती राज और महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 की धारा 3(3) के तहत इस कार्य में काम करने वाले मजदूरों को 15 दिन के भीतर भुगतान करना चाहिए था, लेकिन अभी तक उन्हें कोई राशि नहीं दी गई है. संतोष खलखो ने इस पूरे मामले में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक के अलावा संबंधित अधिकारियों की भी लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह स्थिति जारी रहेगी और शासकीय योजनाओं के उद्देश्यों की प्राप्ति में अड़चनें आती रहेंगी.

इस पूरे मामले में जिला कलेक्टर को लिखित शिकायत देने के बाद जनपद पंचायत के सीईओ व्ही. के. राठौर ने मामले को संज्ञान में लिया और प्रारंभिक जांच के बाद इसे जिला पंचायत के सीईओ को भेजने की बात की.

ये भी पढ़ें- MP में आधी रात को जारी हुई तबादला नीति, इस महीने 60 हजार कर्मचारियों का हो सकता है ट्रांसफर

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close