All India Institute of Medical Sciences News: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने के लिए एम्स ने नई पहल की है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के एम्स (AIIMS Bhopal) ने ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधा को सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. भोपाल के एम्स में ड्रोन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में दवाएं पहुंचाई जाएंगी, जिसके लिए भोपाल (Bhopal AIIMS Drone) के एम्स हॉस्पिटल में ड्रोन स्टेशन (Drone Station) भी बनाया गया है. दवाईयों को भेजने की टेस्टिंग की जा चुकी है.
एम्स डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने NDTV से बातचीत के दौरान बताया कि एम्स ने ड्रोन सेंटर बनाया है. ट्राइबल एरिया गौहरगंज पीएसई है, जिसमें हमने ट्रायल के रूप में चिन्हित किया है. ये ड्रोन 5 किलोग्राम की कैपिसिटी वाला है. इसमें 5 kg की कोई भी वैक्सीन, ड्रग या कोई भी और चीज हो, हम उसे यहां से भेज सकते हैं. ड्रोन के माध्यम से 10 से 15 मिनट में पहुंच जायेगी. जबकि सड़क मार्ग से डेढ़ से 2 घंटे का समय लगता है. वहां से वापसी में आने में भी जो भी चीज है वो ड्रोन से आ सकती है. इससे मरीज का समय बचेगा और आउटकम अच्छा निकलकर आएगा.
30 मिनट में पहुंचेगी सुविधाएं
भोपाल के एम्स में ये ड्रोन स्टेशन ट्रॉमा और इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर कॉम्प्लेक्स में बनाया गया है. जिसमें गांव तक दवाईयां पहुंचाई जा सकेंगी. 60 किमी दूर जाने के लिए ड्रोन के जरिए महज 30 मिनट से एक घंटे के बीच दवा को संबंधित स्थान तक भेजा जा सकेगा. ड्रोन के माध्यम से न केवल दूर-दराज इलाकों तक दवाइयां पहुंच सकेंगी बल्कि ड्रोन के साथ आपातकालीन स्थिति में रक्त पहुंचाना, ब्लड सैंपल लेना और ऑर्गन ट्रांसपोर्टेशन जैसी सुविधा भी मिलेगी.
कौन हैं ड्रोन दीदी?
ड्रोन दीदी ने NDTV से बातचीत के दौरान बताया कि ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दिल्ली से ली है. वहां प्रधानमंत्री द्वारा जो योजना चलाई गई है, 'ड्रोन दीदी'. वहां मुझे Small Drone Pilot का खिताब मिला है, ड्रोन में कौन सी दवाईयां रखी जा रही है, उनका सैंपल चेक करना, ड्रोन के लिए जो मेंटीनेंस लगेगा, उसमें सारी जानकारी मुझे रखनी होगी. आपको बता दें, ड्रोन उड़ाने के लिये ड्रोन दीदी रहेगीं, केन्द्र सरकार ने 1261 करोड़ रुपए खर्च करके 15,000 महिला एसएचजी को ड्रोन मुहैया कराने और ट्रेनिंग का लक्ष्य रखा था.
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