MP Election 2023 : इस बार के विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) में राजनीतिक दल ही नहीं प्रत्याशी भी सोशल मीडिया पर पूरी ताकत झोंक रहे हैं. एआई (AI) के जरिए भी चुनाव प्रचार (Election Campaign) किया जा रहा है. खास बात यह है कि इस बार के चुनाव में हर प्रत्याशी की अपनी सोशल मीडिया टीम (Social Media Team) है, जो पल-पल की जानकारी यूजर्स और वोटर्स (Voters) तक पहुंचा रही है. जबलपुर की बात की जाए तो यहां पश्चिम विधानसभा के बीजेपी प्रत्याशी राकेश सिंह (Rakesh Singh BJP) के फेसबुक में 4 लाख 52 हजार फॉलोवर (Facebook Followers) हैं. एक्स (ट्विटर) में भी राकेश सिंह के 2 लाख 53 हजार फालोवर्स हैं. वहीं इंस्टाग्राम (Instagram) पर पनागर के विधायक और बीजेपी प्रत्याशी इंदु तिवारी अव्वल हैं, उनके इंस्टा अकाउंट पर 66 हजार 600 फालोवर हैं.
कांग्रेस प्रत्याशी भी कम नहीं
वहीं कांग्रेस के नेताओं और प्रत्याशियों (Congress Candidate) की बात की जाए तो तरुण भनोट के फेसबुक पर 1 लाख 53 हजार, इंस्टाग्राम पर 25 हजार 500 और एक्स पर 3 हजार 500 से ज्यादा फालोवर्स हैं. पूर्व क्षेत्र के विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी लखन घनघोरिया के भी फेसबुक पर 1 लाख 71 हजार, इंस्टाग्राम पर 24 हजार 200 और एक्स पर करीब 9 हजार 500 फॉलोवर्स हैं.
किसके कितने फॉलोवर्स
युवाओं को सौंप रखा है जिम्मा
प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी सोशल मीडिया टीम (Social Media Team) बना रखी है. जिसमें इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताने वाले और जानकार युवाओं को तैनात किया गया है. ये युवा टीम फोटो के साथ-साथ रील्स बनाने और उसे पोस्ट कर ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करने का काम कर रहे हैं.
सस्ता और आसान प्रचार
प्रत्याशियों ने प्रचार एजेंसियों को इस काम में लगाया हैं ताकि उनकी रील्स और वीडियो मतदाताओं को इतना आकर्षित करें कि वह देखने के बाद उसे तुरंत अन्य ग्रुप में फॉरवर्ड भी करें. तभी वह सफल होगा अन्यथा तो उसके मायने खत्म हो जाते हैं.
सबसे ज्यादा मोदी का जादू चल रहा है
सभी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर के पेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तस्वीर और उनके भाषण सबसे ज्यादा दिखाई दे रहे हैं. राज्य सरकार के स्थान पर केंद्र सरकार के योजनाओं को भी प्रत्याशी अपने पेज पर प्रमुखता से दे रहे हैं.
झंडा-बैनर-पोस्टर का धंधा हुआ मंदा
सोशल मीडिया के प्रचार में आसानी भी होती है और तुरंत मतदाताओं के पास पहुंच जाता है इसलिए प्रत्याशी झंडा, बैनर, पोस्टर में खर्च कम कर सोशल मीडिया पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. सोशल मीडिया के प्रचार के लिए बहुत सारे फेक यानी फर्जी अकाउंट (Fake Account) बनाए गए हैं. जिनके जरिए प्रत्याशी की पोस्ट बूस्टिंग तो की जा रही है] लेकिन उनका खर्च चुनाव आयोग के खर्चे में शामिल नहीं हो रहा है. कई सारे प्रत्याशियों के फैंस क्लब, मित्र मंडल, फॉलोअर और सहयोगियों के नाम से फेसबुक, इंस्टाग्राम में अकाउंट खोले गए हैं. यह खर्च चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की पहुंच से बाहर है.
झगड़ा भी करा है पोस्ट
सोशल मीडिया में डाली जाने वाली कई सारी पोस्ट प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच झगड़ा कर रहे हैं यदि किसी प्रत्याशी की पोस्ट पर कोई गलत या अभद्र कमेंट्स डाल देता है तो तुरंत इसकी शिकायत पुलिस में की जा रही है. कुल मिलाकर अब यह चुनाव सोशल मीडिया पर लड़ा जा रहा है.
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