
ध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से 3 महीने पहले और गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के 3 दिन बाद शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट है. सूत्रों के मुताबिक अमित शाह और प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव तक राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं की नाराज़गी की बात सामने आई थी. इन दोनों को बताया गया था कि कैबिनेट विस्तार में देरी की वजह से कई बड़े नेताओं में असंतोष है. जिसका चुनाव पर भी असर पड़ सकता है.
35 की है जगह, 30 हैं मंत्री
बता दें कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 मंत्री बन सकते हैं, लेकिन इस वक्त मुख्यमंत्री के अलावा कुल 30 मंत्री ही मंत्रिमंडल में हैं. जाहिर है चार मंत्रियों के पद खाली हैं. हालांकि ये माना जा रहा है कैबिनेट विस्तार में तीन लोगों को ही मौका मिलेगा. इन तीनों को भी काम करने के लिए महज डेढ़-दो महीने का ही वक्त मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार देर शाम राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की थी. इस मुलाकात को भी मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है. क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों को देखते हुए, रीवा संभाग से राजेंद्र शुक्ला, नक्सल प्रभावित बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन ( बिसेन फिलहाल पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं) इनके अलावा प्रीतम लोधी, राहुल लोधी या केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के भाई जालम सिंह के नाम पर सहमति बन सकती है. दूसरी तरफ मंत्रिमंडल विस्तार पर पूछे गये सवाल पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा मंत्रिमंडल विस्तार हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी का विशेष अधिकार है, इस पर वह कभी भी निर्णय कर सकते हैं.
गौरीशंकर बिसेन ने तो इशारा भी कर दिया
उधर वरिष्ठ विधायक और गौरीशंकर बिसेन ने NDTV से बातचीत में महाकौशल और विंध्य में हमें पार्टी को मजबूत बनाने की जरूरत है. पिछली बार इन इलाकों में कांग्रेस को सीटें मिलीं लेकिन इस बार इसके उलट होगा. मंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं. काम करने के लिए हमारे पास डेढ़ महीने ही मिलेंगे वो भी हमारे लिए बहुत है. ऐसे में ये समझा जा रहा है जल्द ही शिवराज सिंह चौहान अपनी कैबिनेट के विस्तार का ऐलान कर सकते हैं. चुनावी मौसम में मुख्यमंत्री किन-किन लोगों को मौका देते हैं ये भी देखने वाली बात होगी.