
छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर बसे महासमुंद जिले की सुरक्षा का दारोमदार पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के कंधे पर है. खास बात ये है कि धर्मेन्द्र सिंह ने जिले में महज 10 माह के अपने कार्यकाल में ही गांजा और अवैध शराब का धंधा करने वालों की कमर तोड़ दी है. पुलिस कप्तान ने महासमुंद जिले में 12 करोड़ 50 लाख रुपए का 50 क्विंटल गाँजा और 6000 लीटर अवैध शराब जब्त कर छत्तीसगढ़ में नया रिकार्ड बनाया है. खुद धर्मेन्द्र सिंह इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं. हालांकि साल 2007 से 2010 तक वे भिंडे जिले में जब बतौर CSP तैनात थे तब उन्होंने 10 डकैतों का एनकाउंटर किया था. तब पूरे राज्य में उनकी खूब प्रशंसा हुई थी.

ग्वालियर जिले के डभरा नगर के मूल निवासी IPS धर्मेन्द्र सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा एवं कालेज की शिक्षा भी डभरा के महाविद्यालय से पूरी की. उनके पिता बाबूलाल सिंह शिक्षक रहे हैं जबकि उनकी माता शांति देवी हाउस वाइफ हैं. धर्मेन्द्र सिंह ने हायर सैकेंडरी की शिक्षा गणित विषय एवं कालेज की शिक्षा आर्ट्स से पूरी की. बचपन से ही वे मेधावी रहे हैं. उन्होंने 1996 में बतौर DSP अपनी पुलिस सेवा शुरू की. अहम ये भी है कि सन् 2012 बैच के IPS धर्मेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती रेखा सिंह भी एडिशनल एसपी के पद पर जबलपुर जिले में कार्यरत हैं. एसपी साहब के परिवार में दो भाई वकील,एक शिक्षक और बहन हाउस वाइफ हैं. पुलिस सेवा में व्यस्तता की वजह से वे अपनी दो बोटियों सहित परिवार के लिए कम समय ही निकाल पाते हैं. लेकिन जब भी छुट्टी मिलती है तो पढ़ाई कर रही अपनी बेटियों और परिवार से मिलना उन्हें काफी पसंद है. वे पूरे जिले में प्रशासनिक वर्क कल्चर को बेहद शानदार मानते हैं. हालांकि सीमावर्ती जिला होने के कारण महासमुंद में अपराध के नियंत्रण को वो एक चुनौती मानते हैं लेकिन इसी को ध्यान में रखते हुए उनकी टीम योजना बनाती है और उसमें उन्हें सफलता भी मिलती है.