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This Article is From Sep 17, 2024

"ऑफिस में लंच ब्रेक के दौरान करें सेक्स…" रूस में पुतिन सरकार ने क्यों जारी किया ये अजीब फरमान ?

रूस की पुतिन सरकार ने एक अजीब सलाह अपने नागरिकों के लिए जारी की है जो अब चर्चा में है. रूस की सरकार ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे ऑफिस में लंच ब्रेक के दौरान सेक्स करें. दरअसल रूस की जनसंख्या में काफी कमी हो रही है और प्रजनन दर भी काफी कम हो गई है. सरकार का तर्क है कि ऐसा करने से जनसंख्या को बढ़ाने में मदद मिलेगी

"ऑफिस में लंच ब्रेक के दौरान करें सेक्स…" रूस में पुतिन सरकार ने क्यों जारी किया ये अजीब फरमान ?

यूक्रेन के साथ युद्ध में भारी नुकसान झेल रहे रूस की पुतिन सरकार ने एक विवादित आदेश जारी किया है. सरकार ने रूस के नागरिकों को कहा है कि वे दफ्तरों में लंच ब्रेक और कॉफी ब्रेक के दौरान सेक्स करें. सरकार का तर्क है कि उसने ये कदम देश में घटती आबादी और बच्चों को पैदा होने की दर में आई भारी गिरावट की वजह से उठाया है. देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. येवगेनी शेस्टोपालोव ने लोगों को सलाह दी है कि वे अपने दफ्तरों में  लंच और कॉफी के टाइम का उपयोग अंतरंग संबंध बनाने के लिए करें. यही नहीं सरकार ने गर्भपात उपायों तक लोगों की पहुंच को मुश्किल बनाने के साथ-साथ दंपत्तियों में अलगाव को कम करने के लिए तलाक का शुल्क भी बढ़ा दिया है. पुतिन की पार्टी की वरिष्ठ महिला नेता अन्ना कुजनेत्सोवा ने भी परिवार के आकार को बढ़ाने के लिए महिलाओं को 19-20 वर्ष की आयु में बच्चे पैदा करना शुरू करने की वकालत की है.

दरअसल रूस में जनसंख्या काफी तेजी से कम हो रही है.रूस में फिलहाल प्रति महिला केवल 1.5 बच्चे की प्रजनन दर है,जो जनसंख्या स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक 2.1 दर से काफी कम है. रूस में ये जन्मदर 1999 के बाद से सबसे कम है.

इसके अलावा यूक्रेन से जंग के कारण हालात और बदतर हो रहे हैं. जिसके कारण बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन भी किया है. ये आंकड़ा दस लाख के करीब है और इसमें युवा ज्यादा हैं. स्वास्थ्य मंत्री  शेस्टोपालोव ने सोमवार को जारी बयान में कहा- व्यस्त कामकाज के शेड्यूल के कारण लोगों को अपने परिवार को बढ़ाने से नहीं रोकना चाहिए. इसी वजह से उन्हें दफ्तर में ब्रेक के दौरान अंतरंग संबंध बनाने की सलाह दी गई है. सरकार के स्तर पर भी जन्मदर को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय लागू किए गए हैं. इसमें 18-40 साल की महिलाओं को मुफ्त प्रजनन जांच की पेशकश करने के अलावा कंपनियों को महिला कर्मचारियों को बच्चे पैदा करने के लिए सुविधाएं बढ़ाने को भी कहा है. इसके अलावा रूस के कुछ राज्यों ने 24 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को उनके पहले बच्चे के जन्म पर 8500 पाउंड की राशि देने का भी प्रस्ताव रखा है. भारतीय रुपयों में ये राशि 9 लाख रुपये के आसपास बैठती है. हालांकि पुतिन सरकार की इस नई सलाह ने विवाद भी पैदा कर दिए हैं. कई रूसी लोगों का कहना है कि ये महिलाओं की स्वतंत्रता पर प्रहार है. इससे लोगों की व्यक्तिगत स्वायत्ता खत्म हो जाएगी. 
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