Amir Hussain: जम्मू-कश्मीर के वाघामा-बिजबेहरा के पैरा-क्रिकेटर अमीर हुसैन लोन का सपना था कि उनके क्षेत्र में एक ऐसी क्रिकेट अकादमी बने, जहां गरीब और जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त कोचिंग मिल सके. अडानी फाउंडेशन ने उनके इस सपने को साकार करने के लिए 67.6 लाख रुपये का योगदान दिया है.
यह इंडोर क्रिकेट अकादमी न केवल पैरा-खिलाड़ियों को, बल्कि दूसरे खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षित करेगी. वर्तमान में अमीर 30 बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं और अकादमी के पूर्ण निर्माण के बाद यह सुविधा और भी बच्चों को लाभान्वित करेगी.
अमीर की संघर्ष और सफलता की कहानी
अमीर हुसैन लोन ने मात्र 8 वर्ष की उम्र में अपने पिता की आरा मिल में एक हादसे के कारण दोनों हाथ खो दिए थे. इसके बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखा. अपने अद्वितीय खेल कौशल से उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा. अमीर बल्ले को अपने कंधे और गर्दन के बीच पकड़कर शॉट लगाते हैं. यह साहस और प्रतिबद्धता का अनूठा उदाहरण है.
अडानी फाउंडेशन की सराहनीय पहल
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन प्रीति अडानी ने अमीर के प्रयासों को सराहा था. अडानी ग्रुप के पंजाब और हरियाणा कॉर्पोरेट अफेयर्स के प्रमुख रुपेश के सिंह ने कहा,"प्रीति अडानी ने अमीर के संकल्प और साहस की सराहना की है. इससे पहले अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी उनके प्रयासों को प्रेरणादायक बताते हुए हर संभव मदद का वादा किया था. गौतम अडानी ने इसी वर्ष अमीर के "कभी न हार मानने" वाले जज्बे को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सलाम किया और उनके प्रयासों को दुनिया के लिए प्रेरणा बताया था.
अमीर ममद के लिए अडानी फाउंडेशन का शुक्रिया अदा किया
अडानी फाउंडेशन से मदद मिलने पर अमीर ने कहा कि यह क्रिकेट अकादमी वाघामा-बिजबेहरा और आसपास के क्षेत्रों के कई युवाओं के लिए खेल में करियर बनाने का एक बड़ा अवसर बनेगी. उन्होंने आगे कहा कि मुझे याद है, जब मेरे पास बैट खरीदने के पैसे नहीं थे. मैंने देखा कि कई बच्चे भी उसी संघर्ष से गुजर रहे हैं. यही कारण है कि मैंने इस अकादमी को बनाने का सपना देखा. मैं गौतम अडानी सर, प्रीति अडानी मैडम और अडानी फाउंडेशन का दिल से धन्यवाद करता हूं.
अकादमी से जुड़ी उम्मीदें और भविष्य की योजनाएं
इस इंडोर अकादमी के माध्यम से अमीर न केवल खेल प्रतिभाओं को तराशने का काम करेंगे, बल्कि वे पैरा-खिलाड़ियों और सामान्य खिलाड़ियों के बीच एक समावेशी खेल वातावरण भी तैयार करेंगे.
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अडानी फाउंडेशन का यह कदम दिखाता है कि कैसे उद्योग जगत के बड़े नाम सामाजिक बदलाव और सामुदायिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. यह पहल न केवल जम्मू-कश्मीर, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है.
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