
सिंगरौली जिले में लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. पिछले 7 महीने में इस इलाके में कई बड़ी वारदातें हुई हैं. इनमें हत्या, चोरी, डकैती, दुष्कर्म जैसे मामले शामिल हैं. इन सभी मामलों ने राज्य सरकार और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये हैं.
सिंगरौली जिले में बीते कुछ महीनों में लगातार आपराधिक घटनाओं में जिस तरह से इजाफा हुआ है, उसके बाद यह सवाल खड़ा हो रहा है कि जिले की शांत वादियां जो हमेशा से आध्यात्म धर्म-कर्म की गवाह बना करती थी. अब वह बड़े अपराधों की भी शरण स्थली बन रही है. इन अपराधों से न केवल पुलिस की छवि खराब हो रही है, बल्कि सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि जिले में पुलिस की सतर्कता के बाद भी अपराध क्यों पैर पसार रहा है. इस साल अभी तक यानी 7 माह में 27 हत्या की घटनाओं के साथ 51 दुष्कर्म और 79 अपहरण की बड़ी वारदातें हुई हैं.
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ग्रामीण इलाकों में हुई हैं ज्यादातर बड़ी वारदातें
एक जनवरी 2023 से 15 जुलाई तक गंभीर अपराधों की स्थिति
इस मामले में सिंगरौली जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा ने कहा कि सभी थाना क्षेत्रों की अपराध समीक्षा की जाती है. जहां गंभीर अपराधों में वृद्धि हुई है. वहां के थाना प्रभारियों को अपराध पर अंकुश लगाने और कार्रवाई करने की सख्त हिदायत दी जाती है. थानेदारों को गंभीर अपराध कम करने के लिए निर्देशित किया गया है.
पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद हत्या जैसे अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों की ओर से अपराध कम होने का दावा किया जा रहा है. देहात के थाना क्षेत्रों में स्थिति यह है कि एक दिन में दो से तीन गंभीर अपराध घटित हो रहे हैं.
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अभी तक हत्या की ज्यादातर घटनाएं नशा या फिर जमीनी-लेनदेन के चलते घटित हुई हैं. ज्यादातर मामलों में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. फिर भी हत्या की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं. वहीं कुछ घटनाओं में लेनदेन के विवाद को लेकर संगी-साथी हत्या कर दे रहे हैं. अलग-अलग थाना क्षेत्रों में घटित हो रहे अपराध को रोकने की कवायद तो की जा रही है, मगर अपराधी बेखौफ हैं. इसलिए वह अपराध घटित करने से पीछे नहीं हट रहे हैं.