World Sickle Cell Day 2024 State Level Program in Dindori: विश्व सिकल सेल दिवस हर साल 19 जून को मनाया जाता है. इस साल मध्य प्रदेश में इस दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम शासकीय चन्द्रविजय महाविद्यालय डिण्डौरी में आयोजित किया जा रहा है जिसमें उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल होंगे. उनके साथ ही कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद रहेंगे. मध्य प्रदेश में सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम एवं उपचार के लिये 15 नवम्बर 2021 जनजातीय गौरव दिवस को ''राज्य हिमोग्लोबिनोपैथी मिशन' का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया. इस मिशन में अलीराजपुर एवं झाबुआ जिलें में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुल 9 लाख 17 हज़ार जनसंख्या की स्क्रीनिंग की गयी.
ये रहीं पिछले साल की झलकियां
1st July was a landmark day for our tribal brothers and sisters.
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) July 2, 2023
PM @NarendraModi Ji launched the National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission in Shahdol, Madhya Pradesh.
Watch the key highlights from the programme. pic.twitter.com/BxKIpM4FvX
49 लाख 17 हज़ार लोगों की हो चुकी है स्क्रीनिंग
इस मिशन के द्वितीय चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2023 को राष्ट्रीय स्तर पर 'सिकल सेल उन्मूलन मिशन'- 2047 का शुभांरभ शहडोल ज़िले से किया गया. ‘राष्ट्रीय सिकलसेल उन्मूलन मिशन' में देश के 17 राज्य शामिल हैं. मिशन में मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों के 89 विकासखण्डों में लगभग 1 करोड़ 11 लाख नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जानी है. द्वितीय चरण में अब तक 49 लाख 17 हज़ार जनसँख्या की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जिसमे से 1 लाख 20 हज़ार 493 सिकलवाहक एवं 18 हज़ार 182 सिकल रोगी चिन्हित किये गए हैं.
क्या है बीमारी? देखिए
Must Watch...
— DD URDU डीडी उर्दू دوردرشن اردو (@UrduDoordarshan) July 16, 2023
Our programme YEH HAI INDIA special on NATIONAL SICKLE CELL ANAEMIA ELIMINATION MISSION Part-I on 16th July, Sunday at 08:30 pm and repeat telecast on Monday at 12:30 pm only on DD Urdu.@MoHFW_INDIA @MIB_Hindi @PIB_India @MIB_India pic.twitter.com/gU843z0fgh
MP के हर जिला चिकित्सालय में जांच की व्यवस्था
सिकलसेल रोगियों की जांच एवं उपचार सुविधाओं के सुदृढीकरण के लिये प्रत्येक जिला चिकित्सालय में एचपीएलसी मशीन द्वारा पुष्टीकरण जांच की व्यवस्था की गई है. इसके अतिरिक्त अन्य जॉचे जैसे- सी.बी.सी., टोटल आयरन, सिरम फेरीटिन आदि जांचों की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. सिकलसेल एनीमिया की पुष्टिकरण जांच पीओसी किट द्वारा स्क्रीनिंग स्थल पर त्वरित जांच परिणाम प्राप्त कर सिकल रोगी का प्रबंधन किया जा रहा है.
The National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission was announced in the Union Budget 2023. This will be implemented in 278 districts of 17 high-focused states in the country.
— PIB India (@PIB_India) July 1, 2023
The mission aims to address the pressing health challenges posed by sickle cell disease, particularly… pic.twitter.com/5b7OOjZb6J
22 लाख 96 हज़ार जेनेटिक कार्ड बांटे गए
आदिवासी बाहुल्य इलाकों में सिकलसेल एनीमिया की व्यापकता अधिक है एवं सिकलसेल एनीमिया आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में एक अहम स्वास्थ्य समस्या है. बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए समुदाय स्तर पर स्क्रीनिंग द्वारा रोगी की पहचान कर जेनेटिक काउंसलिंग एवं प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है. मध्यप्रदेश में अब तक 22 लाख 96 हज़ार जेनेटिक कार्ड वितरित किये जा चुके हैं.
ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के लिए प्रदेश के ब्लड सेंटरों का किया गया है सुदृढीकरण
वेरिफिकेशन जांच में पॉजिटिव पाये गये सिकल रोगियों का जिला स्तर पर संचालित एकीकृत उपचार केन्द्र में प्रबंधन एवं उपचार किया जा रहा है. समस्त रोगियों को हाइडॉक्सीयूरिया, फोलिकि एसिड दवाइयों का वितरण तथा आवश्यकतानुसार निःशुल्क रक्ताधान दिया जा रहा है. सिकल सेल रोगियों को सुरक्षित ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के लिये प्रदेश के ब्लड सेंटरों का भी सुदृढीकरण किया गया है. सिकलसेल स्क्रीनिंग की रिपोर्टिंग एवं डाटा ट्रैकिंग हेतु मोबाइल एप एवं नेशनल सिकलसेल पोर्टल विकसित किया गया है.
नवजात शिशुओं की जांच के लिये AIIMS में लैब
नवजात शिशुओं में जन्म के 72 घंटे के अंदर विशेष जांच के लिये एम्स भोपाल में लैब स्थापित कर आदिवासी बाहुल्य जिलों से भेजे गये सैम्पलों की जांच प्रारंभ की गई है. सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग तथा प्रबंधन के प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहयोग आईसीएमआर एनआईआरटीएच, जबलपुर द्वारा दिया जा रहा है. इसके अंतर्गत प्रदेश के समस्त 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखण्डों में पदस्थ प्रबंधकीय एंव चिकित्सकीय स्टाफ के साथ-साथ मैदानी कार्यकताओं को प्रशिक्षित किया गया है. वहीं सिकलसेल रोग के प्रसार को आगामी पीढ़ी में जाने से रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं की प्रि-नेटल डायग्नोसिस 'संकल्प इंडिया' के सहयोग से की जा रही है. स्क्रीनिंग में चिन्हित सिकलसेल रोगियों को उपचार, औषधि एवं सम्पूर्ण प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं निरंतर निगरानी के लिये ट्रीटमेंट एवं फॉलोअप बुकलेट तैयार की गयी है.
यह भी पढ़ें : BPCL की मुंबई-दिल्ली पाइपलाइन में हो रही थी डीजल चोरी, गिरोह के दो लोग गिरफ्तार, 8 के खिलाफ केस दर्ज
यह भी पढ़ें : जागते रहो... यहां पानी पर पहरा, ड्रमों में ताला, सड़कों पर हंगामा, क्यों नहीं मिला नल से जल, देखिए NDTV पड़ताल
यह भी पढ़ें : PM Modi 30 हजार से ज्यादा कृषि सखियों को देंगे प्रमाण पत्र, सवाल-जवाब में जानिए क्या है कृषि सखी प्रोग्राम