
World Poha Day 2025: हर साल 7 जून को भारत में "विश्व पोहा दिवस" मनाया जा रहा है. भले ही इसे अभी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त न हुई हो, लेकिन सोशल मीडिया और फूड लवर्स के बीच यह दिन खासा लोकप्रिय हो चुका है. इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रायपुर और नागपुर जैसे शहरों में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. कई रेस्त्रां और स्ट्रीट वेंडर्स इस दिन पोहा पर विशेष ऑफर देते हैं. जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने आज विश्व पोहा दिवस पर शहर के विशिष्ट नागरिको, राजनेताओं ,पत्रकारों,अधिकारियों और मित्रों को बुलाकर विश्व पोहा दिवस मनाया महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू का कहना है कि यह एक अवसर है जब सभी मित्र साथ मिलकर बैठते हैं ,हंसते बोलते हैं और शहर विकास की चर्चा करते हैं अगली बार इसे बड़े स्तर पर मनाएंगे.

World Poha Day 2025: जबलपुर के महापौर पोहा दिवस पर
क्यों खास है पोहा? Poha Breakfast
पोहा सिर्फ एक नाश्ता नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान बन चुका है. मध्य भारत के जबलपुर में सुबह की शुरुआत अक्सर 'पोहा-जलेबी से होती है. यह नाश्ता सस्ता, पौष्टिक और आसानी से पचने वाला माना जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें आयरन, कार्बोहाइड्रेट और जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो इसे स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं.
इंदौर की पहचान, हर सुबह की शान — पोहा!#WorldPohaDay की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं pic.twitter.com/FqulgODXBo
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) June 7, 2025
इस दिन को लोकल व्यंजनों को ग्लोबल पहचान दिलाने की एक कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है. विश्व पोहा दिवस हर साल 7 जून को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है – भारत के लोकप्रिय और पारंपरिक नाश्ते 'पोहा' की सांस्कृतिक, सामाजिक और पोषणीय महत्ता को सम्मान देना.
विश्व पोहा दिवस क्यों मनाया जाता है? World Poha Day
1. पोहा की लोकप्रियता को सम्मान देने के लिए : मध्य भारत—विशेषकर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़—में यह नाश्ता सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक जुड़ाव का माध्यम भी है. जबलपुर में सुबह की 'पोहा-जलेबी यहां की पहचान बन चुकी है.
2. स्थानीय व्यंजनों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए : जैसे वर्ल्ड पास्ता डे या वर्ल्ड बर्गर डे मनाया जाता है, वैसे ही लोकल फूड्स को प्रमोट करने के लिए विश्व पोहा दिवस एक प्रयास है.
3. स्वास्थ्यवर्धक गुणों को बढ़ावा देने के लिए : पोहा लो-कैलोरी, हाई-कार्ब और आसानी से पचने वाला नाश्ता है, जिसे डायबिटिक लोग भी मॉडरेशन में खा सकते हैं.
4. स्थानीय उद्यमों और स्ट्रीट फूड कल्चर को बढ़ावा देने के लिए: यह दिन उन छोटे दुकानदारों और ठेले वालों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो पोहा बेचकर अपनी रोज़ी-रोटी कमाते है.
विश्व पोहा दिवस को सोशल मीडिया मुहिम के ज़रिए लोकप्रियता मिली. खासकर जबलपुर, इंदौर, भोपाल, नागपुर और रायपुर जैसे शहरों से इसकी शुरुआत हुई. धीरे-धीरे यह राष्ट्रीय और अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचाना जाने लगा है.
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