भोपाल: बमुश्किल कुछ ही महीनों पहले दिल्ली में मध्य प्रदेश भवन का लोकार्पण किया गया था. दो फरवरी को लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज से लेकर मध्य प्रदेश कैबिनेट के तमाम मंत्री इसमें शामिल हुए थे. लेकिन अब यह मध्य प्रदेश भवन जांच के दायरे में आ गया है. दरअसल मध्य प्रदेश भवन की गुणवत्ता पर आवास विभाग ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं. आवास आयुक्त के पत्र के बाद मामले को लेकर खलबली मच गई, जिसके बाद अब सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं.
जानें क्या है मामला?
जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक हैं वैसे ही राज्य में तमाम मुद्दों को लेकर राजनीति भी तेज है. अन्य पार्टियों के बाद अब स्वयं भाजपा नेता का भी यह आरोप है कि शिवराज की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. प्रदेश के आवास आयुक्त पंकज राग ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर कई सवाल उठाए हैं. आपको बता दें, पंकज राग ने नवनिर्मित भवन की गुणवत्ता से लेकर इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले मटेरियल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यही नहीं, इसके निर्माण कार्य की प्रणाली में कई खामियों को भी उजागर किया है. साथ ही पत्र लिखकर पूरे भवन की अनियमितता को लेकर जांच की भी मांग की है.
पत्र में क्या लिखा गया?
मिली जानकारी के मुताबिक, छोटी से छोटी सुविधा की उपलब्धता न होने और अनियमितता को लेकर यहां पर इस पत्र में जिक्र किया गया है. साथ ही साफ तौर पर लिखा गया है कि हर काम अनियमितता और गुणवत्ताहीन तरीके से किया गया है और कई तरह की लापरवाही बरती गई है. यहां तक कि हाल ही में निर्माण हुए भवन में सीपेज तक की बात का जिक्र किया गया है.
जांच के लिए गठित की गई टीम
पूरे मामले को लेकर प्रदेश सरकार ने चार सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. इस दल में आर के मेहरा (सचिव लोकनिर्माण विभाग एवं अध्यक्ष गुणवत्ता नियंत्रण सेल), एस एल सूर्यवंशी (मुख्य अभियंता, पीआईयू लोकनिर्माण विभाग), राजेश दुबे (अधीक्षण यंत्री लोकनिर्माण विभाग) और बृजेश मांझे (सहायता यंत्री लोकनिर्माण विभाग) शामिल हैं. साथ ही सरकार ने जांच दल से मामले को लेकर जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब किया है.
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