Former Dacoit Of Chambal: कभी जिसके नाम से पूरा चंबल खौफजदा रहता था, डकैती छोड़ चुके उस दस्यु सम्राट पंचम सिंह चौहान ने जीवन के 100वें साल में अब शासन और प्रशासन को ललकारा है. नगर पालिका द्वारा अवैध बताए अपने मकान को बुलडोजर से गिराए जाने के खिलाफ पूर्व डकैत मोर्चा खोल लिया है. हालांकि पंचम सिंह का रवैया इस बार लोकतांत्रिक है. उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ आमरण अनशन की धमकी दी है.
गौरतलब है भिंड जिले की लहार नगरपालिका ने पूर्व डकैत पंचम सिंह चौहान को भेजे नोटिस में मकान का वैध दस्तावेज दिखाने को कहा है. मकान का वैध दस्तावेज नही दिखाने की स्थिति में नगरपालिका मकान में बनी दुकानो की नीलामी करवाएगी औ किसी और को आवंटित की जाएगी.
आखिर नगरपालिका क्यों गिराना चाहती है मकान?
राजधानी भोपाल से करीब 450 किलीमीटर दूर भिंड जिले के लहार नगरपालिका क्षेत्र में स्थित पुश्तैनी मकान को लेकर पूर्व डकैत और प्रशासन में ठन गई है. मकान की कीमत 50 लाख रुपए आंकी गई है. नगर पालिका ने पंचम सिंह चौहान को मकान के वैध दस्तावेज की अनुपस्थितिी में मकान बेदखली का नोटिस जारी किया है.
पंचम सिंह के घर के पीछे बन रहा है शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व डकैन पंचम सिंह के घर के पीछे एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स विकसित किया जा रहा है. साल 2019 में मकान में चल रहे आश्रम के बकाया बिजली बिल के समन के बाद स्थानीय अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. अब परिवार का कहना है कि 35 साल तक मकान आध्यात्मिक संस्था को दे दिया गया था.
कौन है पंचम सिंह चौहान?
चंबल के पूर्व डकैत 100 वर्षीय पंचम सिंह चौहान बेहद की खूंखार डकैत माने जाते थे, जिनके खौफ से लोगों में कंपकपी छूट जाया करती थी. साल 1960 के दशक में 125 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारने वाले पंचन सिंह चौहान 500 डाकुओं के एक गिरोह का सरदार था. सरकार ने पंचम सिंह को पकड़ने के लिए 2 करोड़ रुपए का इनाम भी रखा गया था.
साल 1972 में सशर्त किया था आत्म समर्पण
साल 1972 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने सशर्त आत्मसमर्पण किया था. पंचम सिंह चौहान ने शर्त रखी थी कि आत्मसमर्पण के बाद उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी. शर्त के मुताबिक उसे मौत की सजा नहीं मिली. साल 1980 में जब पंचम सिंह से जेल से छूटा तो उसका ह्रदय परिवर्तन हो चुका था और वह सत्य, अहिंसा की बातें करने लगा था.
सैंकड़ों को मारने वाला बना अहिंसा का पुजारी
जेल से छूटने के बाद आध्यात्मिक गतिविधियों में लिप्त हो गए पंचम सिंह चौहान ने विवादित मकान किसी आध्यात्मिक संगठन को दे दिया था. लहार नगरपालिका ने अब उसी मकान को बुलडोजर से गिराने का फैसला किया है, जिसके खिलाफ पंचम सिंह चौहान ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है..
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