Where is Bageshwar Baba: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 7 दिसंबर 2025 से अज्ञातवास में चले गए हैं. वे एक सप्ताह तक एकांत में रहेंगे और इस दौरान अपने गुरु के जीवन पर ‘मेरे संन्यासी बाबा' नामक पुस्तक लिखेंगे. खास बात यह है कि बाबा बागेश्वर अज्ञातवास में कहां रहेंगे, यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अज्ञातवास में जाने की खबर को बागेश्वर धाम सरकार के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर भी साझा किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि शनिवार को बाबा बागेश्वर उत्तराखंड के ऋषिकेश गए थे और वहीं से एकांतवास पर गए.
मीडिया की खबरों के अनुसार बागेश्वर बाबा ने बताया कि वे अपने दरबार में जिन ‘सन्यासी बाबा' का अक्सर जिक्र करते हैं, उन्हीं पर ‘मेरे संन्यासी बाबा' पुस्तक लिख रहे हैं. इससे पहले भी बाबा बागेश्वर एकांतवास में जा चुके हैं. उस दौरान उन्होंने ‘सनातन धर्म क्या है' और ‘मल्टी-टैलेंटेड हनुमान' नाम की दो पुस्तकें लिखी थीं.
Mere Sannyasi Baba Book: बाबा बागेश्वर क्यों लिख रहे हैं ‘मेरे संन्यासी बाबा'?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि उनके गुरुजी ने उन्हें पुस्तक लिखने की आज्ञा दी है. 19 साल बाद गुरुजी की प्रेरणा से वे यह पुस्तक लिख रहे हैं. यह पुस्तक कहां बैठकर लिखी गई—यह जानकारी अगले वर्ष होने वाले विमोचन के समय बताई जाएगी.
बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की यह तीसरी पुस्तक संभवतः पुस्तक कन्या विवाह या महाराज के जन्मोत्सव के दौरान भक्तों के बीच उपलब्ध कराई जाएगी. पिछली दो पुस्तकें विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जिन्हें भक्त ऑनलाइन माध्यम से मंगाकर पढ़ रहे हैं.
‘मेरे संन्यासी बाबा' से खुलेंगे ये राज
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि धीरेंद्र शास्त्री की इस नई पुस्तक में यह जानकारियां मिल सकती हैं.
- उनके आराध्य गुरुदेव कैसे थे?
- उनका जन्म कहां हुआ?
- उन्होंने जिंदा समाधि क्यों ली?
- धीरेंद्र शास्त्री को उनके प्रथम दर्शन कब हुए?
- वे किस राजा के यहां राजपुरोहित थे?
- और आज भी मंदिर में क्यों आते हैं?
‘मेरे संन्यासी बाबा' पुस्तक में क्या है?
धीरेंद्र शास्त्री ने अभी पुस्तक की विषयवस्तु का पूरा खुलासा नहीं किया है. उनका कहना है कि जैसे-जैसे गुरुजी की आज्ञा मिलती जाएगी, वे पुस्तक लिखते जाएंगे. पुस्तक में क्या लिखा है, यह पाठक पढ़ने के बाद ही जान सकेंगे. हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि यह पुस्तक उनके गुरुजी की जीवनी पर आधारित होगी.
Read Also: कितने खतरनाक हैं ये 10 नक्सली, जिन्होंने MP के CM मोहन यादव के सामने डाले Ak-47 जैसे हथियार