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This Article is From May 23, 2024

 Madhya Pradesh : सतना के गेहूं घोटाले की जांच करेगी SIT, कई बड़े फैसले भी लिए

MP News : मध्यप्रदेश के सतना जिले में हुए गेहूं घोटाले की जांच अब SIT करेगी. इस मामले में और भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. 

 Madhya Pradesh : सतना के गेहूं घोटाले की जांच करेगी SIT, कई बड़े फैसले भी लिए

Wheat scam Case: सतना जिले के कारीगोही खरीदी केन्द्र में हुए 93 लाख रुपए के गेहूं घोटाले (Wheat scam) को लेकर अब फूंक-फूंक कर कदम उठाए जाने लगे हैं. पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने  SIT का गठन कर दिया है. वहीं कलेक्टर अनुराग वर्मा ने नागरिक आपूर्ति निगम के जिला कार्यालय को कलेक्ट्रेट भवन में शिफ्ट करने का आदेश दिया है. इसके अलावा नान के ऑपरेटरों से टीसी से जुड़ी ID छीनकर NIC सतना को हैंडओवर कर दी गई है.

बता दें कि कारीगोही के गेहूं खरीदी केन्द्र में जैतमाल बाबा महिला स्व सहायता समूह के द्वारा 13 ट्रकों से फर्जी गेहूं परिवहन कराए जाने के मामले में अब तक आठ लोगों के खिलाफ नामजद FIR  दर्ज करने के साथ ही डीएम नान अमित गौंड, तत्कालीन डीएसओ नागेन्द्र सिंह को निलंबित किया जा चुका है. वहीं अब पूरे कार्यालय को कलेक्ट्रेट भवन ले जाया गया है ताकि इस कार्यालय की गतिविधियों की सतत मॉनीटरिंग की जा सके.

SDOP चित्रकूट के नेतृत्व में होगी जांच

गेहूं फर्जीवाड़े की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक द्वारा एसआईटी का गठन किया गया है. जांच SDOP चित्रकूट रोहित राठौर के नेतृत्व में होगी. जांच टीम में साइबर सेल के इंस्पेक्टर विजय सिंह बघेल, SI अजीत सिंह और धारकुंडी थाना प्रभारी अभिषेक पाण्डेय को शामिल किया गया है. ज्ञात हो कि धारकुंडी थाने में बीते रविवार को समूह की अध्यक्ष, ऑपरेटर, दलाल सहित कुल आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षडय़ंत्र रचने का केस दर्ज किया गया था.

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शक के दायरे में राजस्व विभाग के अधिकारी

कारीगोही के खरीदी केन्द्र में जिन किसानों के खातों में 93 लाख रुपए का भुगतान किया गया है, उन किसानों का गेहूं पंजीयन खुटहा सोसायटी से किया गया था. कमाल की बात यह है कि फर्जी तरीके से उचेहरा के किसान संजय तिवारी के नाम पर गेहूं का पंजीयन दूसरे की जमीन के रिकॉर्ड से कर दिए गए. संजय तिवारी के नाम गेहूं का रजिस्ट्रेशन हुआ. वहीं भूमि स्वामी ने उन जमीनों पर अरहर और अन्य दलहनी फसल उगाई बावजूद इसके राजस्व विभाग के अधिकारी ने सत्यापन कर दिया. अगर, इस दिशा में जांच हुई तो पटवारी सहित तहसीलदार की भी गर्दन नप सकती है.

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