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This Article is From Sep 17, 2024

108 एंबुलेंस के WhatsApp सर्विस का पीटा जा रहा था ढिंढोरा, सेवा नहीं मिलने से चली गई महिला की जान

MP News: हाल ही में एमपी सरकार और 108 एम्बुलेंस सर्विसेज प्रदाता कंपनी ने WhatsApp पर सेवा देने का वादा किया था. लेकिन, एंबुलेंस के नहीं पहुंचने से एक प्रसूता ने अपनी जान गंवा दी.

108 एंबुलेंस के WhatsApp सर्विस का पीटा जा रहा था ढिंढोरा, सेवा नहीं मिलने से चली गई महिला की जान
महिला ने गंवा दी जान

Shivpuri News: 'झूठा है तेरा वादा, वादा तेरा वादा, MP तेरा वादा', ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि 108 एंबुलेंस सेवा से पीड़ित महिला कह रही है और बिलख रही है. 108 एंबुलेंस के WhatsApp सेवा को लेकर सरकार ने जो वादा किया था, उसी वादे का खामियाजा एक प्रसूता को भुगतना पड़ा. सेवा सही से न मिलने के कारण महिला ने अपनी जान गंवा दी. प्रसूता की डिलीवरी के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी. स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने उसे शिवपुरी जिला चिकित्सालय (Shivpuri District Hospital) में रेफर कर दिया. लेकिन, समय पर 108 एंबुलेंस न मिलने के कारण उसकी जान चली गई. 

सरकार ने क्या किया था वादा

मध्य प्रदेश सरकार और 108 एंबुलेंस सेवा प्रदाता सर्विसेज कंपनी ने दावा किया था कि एक व्हाट्सएप मैसेज से किसी भी जरूरतमंद के पास 108 एंबुलेंस पहुंचेगी. लेकिन, इस वादे में चंद दिनों बाद ही ग्रहण लग गया और सच्चाई सबके सामने आ गई. दरअसल, समय से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक प्रसूता को अपनी जान गंवानी पड़ गई. यह मामला शिवपुरी जिले के खनियाधाना स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है. सोमवार को गर्भवती महिला स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन, उसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने उसे शिवपुरी जिला चिकित्सालय में रेफर किया. लेकिन, एंबुलेंस नहीं मिली और उसने दम तोड़ दिया.

परिवार वालों ने लगाया आरोप

मृत महिला के परिवार वालों का आरोप है कि प्रशासन और डॉक्टरों ने लापरवाही नहीं बरती होती तो प्रसूता की जान बचाई जा सकती थी. बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रदेश सरकार और 108 एम्बुलेंस सर्विसेज प्रदाता कंपनी ने वादा किया था कि एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिए ही एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध करा दी जाएगी.

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जिम्मेदार कर रहे हैं बयान देने से इनकार

इस पूरे मामले की जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने जांच की बात कही है. लेकिन, जो जिम्मेदार हैं, वह किसी भी तरह का बयान देने से बच रहे हैं. चाहे वह स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक हो या फिर 108 एम्बुलेंस सर्विस प्रदाता कंपनी के कर्मचारी हो. ऐसे में मृत महिला की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है. 

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