Suicide Crime: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अंबिकापुर (Ambikapur) नगर निगम क्षेत्र से लगे ग्राम डिगमा में एक फाइनेंस कंपनी (Finance Company) के एजेंटों की लोन वसूली के दबाव से परेशान होकर ग्रामीण बुजुर्ग ने घर में रखा किटनाशक दवा खा लिया और खुद की जान ले ली. इलाज के लिए उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई. शहर के गांधी नगर थाना पुलिस इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर जांच कर रही है.
कई महीनों से चुका नहीं पाया था लोन
अंबिकापुर निगम क्षेत्र की सीमा से लगे ग्राम डिगमा निवासी मृतक घरभरन बरगाह ने पत्नी गजमनिया के नाम पर IDFC फर्स्ट बैंक, माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था. वह कुछ महीनों से बैंक का लोन नहीं चुका पा रहा था. जिसके कारण फाइनेंस कंपनी के वसूली एजेंट घरभरन पर लोन वापसी करने का दबाव बना रहे थे. बताया गया कि लोन राशि लगभग 20 हजार रुपये के आसपास बची हुई थी. जिसके भुगतान के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी के एजेंट लगातार दबाव बनाते हुए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे.
हर दिन घर पहुंच रहे थे एजेंट
मामले के बारे में घरभरन के पुत्र आकाश ने बताया कि लोन वापसी का दबाव बनाने के कारण उसके पिता काफी परेशान थे. फाइनेंस कंपनी एजेंट रोज घर पहुंच रहे थे. ऐसे में उसके पिता ने कुछ पैसा उधारी लेकर फाइनेंस कंपनी को दिया था. नोटिस आने के बाद वह समूह का पैसा जमा करने के दबाव में शराब के साथ जहर मिलाकर पी गए.
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गहराई से जांच कर रही पुलिस
गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने मामले को लेकर बताया कि घरभरन के जहर सेवन से मौत की सूचना पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में ले लिया है. परिजनों ने जो आरोप लगाया है, पुलिस उसकी गहराई से जांच कर रही है.
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