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Halal vs Jhatka: ट्रेन का नाॅनवेज फूड खाते हैं? विश्व हिंदू परिषद ने ट्रेनों में दिए जा रहे भोजन पर उठाए सवाल

Train Food Controversy: विहिप ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पहल का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि भारतीय रेल एक संतुलित, पारदर्शी और निष्पक्ष नीति अपनाएगी, जिससे सभी यात्रियों के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा.

Halal vs Jhatka: ट्रेन का नाॅनवेज फूड खाते हैं? विश्व हिंदू परिषद ने ट्रेनों में दिए जा रहे भोजन पर उठाए सवाल
Halal vs Jhatka: ट्रेन का नाॅनवेज फूड खाते हैं? विश्व हिंदू परिषद ने ट्रेनों में दिए जा रहे भोजन पर उठाए सवाल

Halal vs Jhatka: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के दिल्ली प्रांत ने ट्रेनों में दिए जा रहे मांसाहारी भोजन के मुद्दे पर एक पत्र जारी किया है. यह पत्र राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की ओर से भारतीय रेल को भेजे गए नोटिस के बाद सामने आया है. ट्रेनों में दिए जा रहे मांसाहारी भोजन में केवल हलाल प्रोसेस्ड मांस उपलब्ध कराए जाने संबंधी शिकायत पर आयोग ने त्वरित संज्ञान लेकर भारतीय रेल से स्पष्टीकरण मांगा है. इसे लेकर विहिप ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक विशेष धार्मिक प्रक्रिया को बढ़ावा देने जैसा है, जो अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के अधिकारों की अनदेखी करता है.

विहिप ने क्या कहा?

विहिप के प्रांत मंत्री सुरेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस मुद्दे पर प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने अहम कदम उठाया है. उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को धन्यवाद ज्ञापन भेजते हुए आयोग की पहल की सराहना की और आशा जताई कि इससे सभी समुदायों के अधिकार सुरक्षित होंगे.

सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि विहिप का मानना है कि भारतीय रेल एक धर्मनिरपेक्ष सार्वजनिक संस्था है. उनका कहना था कि यात्रियों को अपनी पसंद के अनुसार भोजन का विकल्प मिलना चाहिए. साथ ही रेलवे को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भोजन सेवा धर्मनिरपेक्ष और खाद्य सुरक्षा मानकों के तहत हो और यदि धार्मिक प्रक्रिया-आधारित मांस परोसा जाता है तो पारदर्शिता और विकल्प दोनों उपलब्ध कराए जाएं.

सुरेंद्र गुप्ता ने यह भी कहा कि भारतीय सभ्यता सदैव 'अनेकता में एकता' के सिद्धांत पर आधारित रही है.

विहिप ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पहल का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि भारतीय रेल एक संतुलित, पारदर्शी और निष्पक्ष नीति अपनाएगी, जिससे सभी यात्रियों के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा.

बता दें कि पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने पर एनएचआरसी ने 24 नवंबर को मामले से संबंधित कार्रवाई में कहा था कि शिकायत में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों का उल्लंघन प्रतीत होते हैं.

एनएचआरसी ने क्या कहा?

एनएचआरसी ने कहा कि केवल हलाल मांस बेचने की प्रथा हिंदू अनुसूचित जाति समुदायों और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों की आजीविका को बुरी तरह प्रभावित करती है, इसलिए एक सरकारी एजेंसी होने के नाते रेलवे को भारत के संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के अनुसार सभी धार्मिक आस्थाओं के लोगों के भोजन चुनने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए.

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