
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में जनसुनवाई के दौरान एक बार फिर अनोखा मामला सामने आया है. शिकायत लेकर ग्रामीण अपने ही शरीर पर आवेदन बांधकर पहुंचे थे. वर्ष 2021 में नेशनल हाईवे NH-45 के निर्माण के दौरान स्कूल की बिल्डिंग तोड़ दी गई थी, उसी के निर्माण का आवेदन लेकर ग्रामीण पहुंचे थे. उनका आरोप है कि सैकड़ों आवेदन देने के बाद भी स्कूल निर्माण नहीं हुआ.

इसी से परेशान होकर और अपनी मांग को जोरदार तरीके से रखने के लिए ग्रामीण मंगलवार को अपने शरीर पर कई आवेदन बांधकर रायसेन कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. उनका कहना है कि कोड़ा जमानिया गांव के बच्चे आज भी शिक्षा के लिए दूसरे गांव जा रहे हैं, लेकिन स्कूल का निर्माण नहीं हो पाया है. अभी स्कूल आंगनबाड़ी के एक ही कमरे में लग रहा है.
कलेक्टर ने दिया आश्वासन
कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा ने तत्काल एसडीएम मनीष शर्मा को दिशा निर्देश दिए. साथ ही जिला पंचायत की सीईओ और डीपीसी के साथ ग्रामीणों की बैठक भी हुई. इस दौरान कलेक्टर ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई. साथ ही ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही स्कूल भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
4 साल पहले तोड़ा गया स्कूल, आज तक नहीं बना
रवि जो बहुत समाजसेवी हैं और शिक्षा के लिए हमेशा बच्चों का साथ देते हैं. बता दें कि एनएच-45 निर्माण के समय जमानिया का स्कूल तोड़ दिया था. उस दौरान कहा गया था कि स्कूल बना दिया जाएगा, लेकिन 4 वर्ष से ज्यादा का समय बीत गया. फिर भी स्कूल के निर्माण की एक ईंट तक नहीं रखी गई है.
वहीं, लोगों ने शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह से लेकर गांव से 160 किमी दूर जिला मुख्यालय पर भी कई बार शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. वह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी कई बार स्कूल भवन बनाने की मांग कर चुके हैं.
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