
Vijaypur By Election Result: मध्य प्रदेश की दो सीटों पर उपचुनाव के परिणाम अब स्पष्ट हो चुके हैं. जहां ओर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की घरेलू सीट बुधनी (Budhni Seat) में वोटों की गिनती के दौरान शुरुआत में पलड़ा कांग्रेस के पक्ष में लंबे वक्त तक झुका रहा वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से बगावत करके बीजेपी का दामन थामने वाले रामनिवास रावत (Ramniwas Rawat) की कब्जे वाली विजयपुर सीट (Vijaypur Seat) में एक बार भी शुरू से ही रावत का जलवा देखने को मिला. विजयपुर में 21 राउंड में गिनती हुई. इस सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग हुई थी. मतदान के दिन यहां चार गांव में हिंसा भी हुई थी. विजयपुर सीट रामनिवास रावत के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद जगह खाली हो गई थी, बाद में BJP ने उन्हीं पर भरोसा जताते हुए उपचुनाव का टिकट दिया.
मुकेश ने किया बड़ा उलटफेर
विजयपुर में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. यहां से 6 बार के विधायक रहे रामनिवास को कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने हरा दिया है. कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा ने 7 हजार 228 वोट से जीत दर्ज कर ली है. इस सीट पर रावत 16वें राउंड तक आगे थे.

Vijaypur By Election Result: रामनिवास रावत का सियासी सफर
Photo Credit: Ajay Kumar Patel
6 बार कांग्रेस से पहना विधायकी का ताज
रामनिवास रावत 2023 में कांग्रेस के टिकट पर विजयपुर से विधायक बने थे, बाद में उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ा और BJP का दामन थाम लिया. जुलाई 2024 में रावत ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद BJP ने उन्हें वन मंत्री बनाया. वे 8 बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े चुके हैं, जिसमें से 6 बार विधायक बने और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे. रामनिवास रावत श्योपुर-मुरैना लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं.

Vijaypur By Election Result: कांग्रेस का मुकेश मल्होत्रा पर दांव क्यों?
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आदिवासियों में अच्छी पकड़ रखते हैं मुकेश
कांग्रेस पार्टी ने विजयपुर सीट से मुकेश मल्होत्रा पर दांव लगाया था. बताया जाता रहा है कि मुकेश मल्होत्रा की जमीन पर पकड़ काफी ज्यादा अच्छी रही है. बीजेपी सरकार के दौरान मुकेश सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे थे, इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. लोकसभा चुनाव के दौरान इन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था. प्रियंका गांधी की मुरैना जिले में रैली थी जहां पर इन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन की थी.
इस बार इन 11 उम्मीदवारों से था मुकाबला
इस बार उपचुनाव में विजयपुर से 11 उम्मीदवार मैदान में थे. लेकिन मुख्य मुकाबला BJP के रामनिवास रावत और कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा के बीच था. इनके अलावा भारत आदिवासी पार्टी से नेतराम सहरिया, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से भारती पचौरी, राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से मंजू आदिवासी और 6 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में थे.
कांग्रेस का गढ़ रही सीट
पिछले 14 चुनाव के नतीजे बताते हैं कि कांग्रेस ने यहां 7 चुनाव जीते हैं और बीजेपी ने केवल 3 चुनाव जीते हैं. यानी परंपरागत रूप से ये सीट कांग्रेस के कब्जे वाली रही है. कांग्रेस ने इस क्षेत्र से रावत को 8 बार चुनाव लड़ाया, दो बार सांसद का भी टिकट दिया था.
रावत ने क्यों छोड़ी थी कांग्रेस?
90 के दशक में रामनिवास रावत की राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से हुई थी. वे विजयपुर विधानसभा सीट से लगातार 6 बार विधायक चुने गए. दिग्विजय सिंह की सरकार में वे दो बार के राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रहे हैं. कांग्रेस का साथ छोड़ने की बात करे तो रावत मुरैना लोकसभा के लिए कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने सत्यपाल सिंह सिकरवार को टिकट दिया. वहीं जिस दिन श्योपुर में प्रियंका गांधी की सभा थी, उसी दिन उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी. इस साल जुलाई में उन्होंने मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी. मंत्री बनने के दो दिन बाद उन्होंने विजयपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया था. उनके इस्तीफा देने की वजह से विजयपुर सीट पर उपचुनाव हुआ.
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