Jyotiraditya Scindia reached In Devghar: विजयादशमी के पर्व पर सिंधिया परिवार शनिवार को अपने परिवार की शाही दशहरा परम्पराओं का निर्वहन करता है. परम्परानुसार विजयदशमी के अवसर पर आज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महान आर्यमन सिंधिया के साथ शाही लिबास में ग्वालियर के गोरखी स्थित देवघर पहुंचे. वहां, राज शाही पोशाक अस्त्र धारण कर पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले अपने कुलगुरु सूफी संत बाबा मंसूरशाह की इबादत की.
प्रतीक ध्वज और शस्त्रों का पूजन किया
बताया गया कि देवघर में जहां, सिंधिया ने अपने कुल देवी, देवता दक्षिण केदार, दुर्गा मैय्या, राजशाही शस्त्र, मुहर, प्रतीक चिन्हों की पूजा अर्चना की. पूजा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया राजपरिवार के प्रतीक ध्वज और शस्त्रों का पूजन किया. साथ ही राजशाही गद्दी पर बैठकर दरबार भी लगाया. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके बेटे महा आर्यमन सिंधिया भी मौजूद थे. इस मौके पर उनके पुराने राजशाही काल के सरदारों सेनपतियों की वर्तमान पीढ़ी के लोग परम्परागत ड्रेस में मौजूद रहे.
सभी की सुख और समृद्धि की कामना की
इस मौके पर सिंधिया ने ग्वालियर वासियों और प्रदेशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दी और सभी की सुख और समृद्धि की कामना की. कुलदेवता मंदिर के पुजारी के मुताबिक दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा सिंधिया परिवार में आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है.
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नौवीं पीढ़ी का नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे
प्राचीन समय में राजा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा किया करते थे. साथ ही अपने शत्रुओं से लड़ने के लिए शस्त्रों का चुनाव भी किया करते थे. 9 दिन तक देवी की शक्तियों की उपासना करने के बाद दसवें दिन जीवन के हर क्षेत्र में विजय की कामना करते हैं. आपको बता दें कि सिंधिया राजघराने की नौवीं पीढ़ी का नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया कर रहे हैं.
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