मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उमरिया (Umaria) में पिछले एक पखवाड़े से पश्चिमी विक्षोभ असर खूब देखने को मिल रहा है. हफ्तेभर पहले हुई बारिश ने मौसम में ठंडक घोल दी है. अब पिछले चार दिन से जमकर कोहरा पड़ रहा है. सर्द हवाओं के चलते आम जनजीवन के साथ सब्जी की फसलों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आलम ऐसा है कि खेत में लगाए गए आलू के पौधे बारिश के बाद धूप न निकलने से मुरछाने लगे हैं. बैगन, गोभी व टमाटर के पौधों में भी खराबी दिखने लगी है. किसानों का कहना है मौसम की मार के चलते पहले ही बोहनी प्रभावित हुई है. अब अगर जल्द धूप नहीं निकली तो सब्जियों के उत्पादन का भी नुकसान उठाना पड़ेगा.
फसलों के खराब होने से दाम पर पड़ेगा असर
ऐसे में कब किसानों को बस धूप निकलने की उम्मीद है. बता दें कि उमरिया जिले के ग्रामीण अंचलों में लोकल सब्जी उगाई जाती है. मौसम की मार से किसानों पर बुरा असर पड़ा है. जाहिर है कि बाजार में लोकल सब्जी की आवक घटने से आम नागरिकों की थाली से एक बार फिर सब्जियां महंगी होने से लेकर गायब तक हो सकती हैं.
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कोहरे की मार से फसलें हो रही चौपट
जानकारी के लिए बता दें कि आलू की फसल के लिए कोहरा सबसे नुकसानदायक माना जाता है. आलू की फसल को अगर कई दिनों तक धूप न मिलें तो पूरी फसल एक हफ्ते के अंदर ही खत्म हो जाती है. इसे झुलसा रोग कहा जाता है. वहीं, गेहूं की फसल में भी पत्तियां पीली पड़ जाती हैं. ऐसे में इससे बचाव का सबसे आसान रास्ता होता है समय-समय पर सिंचाई करना. कोहरे से न सिर्फ आलू और गोभी बल्कि मटर और लाही की फसलें भी ख़राब हो जाती है. पछुआ हवाओं के चलते जिला का मौसम लगातार ठंडा रहता है जिससे कोहरे में इजाफा हुआ है. कोहरे के चलते किसानों की मेहनत से उगाई गई फसलें खराब हो रही हैं .
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