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टीकमगढ़ और श्योपुर में यूरिया खाद के लिए हाहाकार, किसान सड़कों पर उतरे, हाईवे जाम कर किया विरोध

टीकमगढ़ जिले में यूरिया खाद की भारी किल्लत ने हालात बिगाड़ दिए हैं. बोवनी का समय निकल रहा है, लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है. इससे नाराज किसान अब सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल श्योपुर में भी है.

टीकमगढ़ और श्योपुर में यूरिया खाद के लिए हाहाकार, किसान सड़कों पर उतरे, हाईवे जाम कर किया विरोध

टीकमगढ़ जिले में यूरिया खाद की कमी से किसान बेहाल हैं और यह समस्या हर दिन गंभीर होती जा रही है. बोवनी का अहम समय गुजरता जा रहा है, लेकिन किसानों को पर्याप्त खाद न मिलने से उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं. इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ रहा है. निराश और आक्रोशित किसान अब सड़कों पर उतरकर अपनी लड़ाई खुद लड़ने को मजबूर हैं.

जिले के कई इलाकों में किसान सरकारी खाद लूट रहे हैं, वहीं कई जगह हाईवे पर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. खरगापुर में किसानों का आक्रोश सोमवार को चरम पर दिखाई दिया, जब यूरिया की कमी से तंग आकर उन्होंने हाईवे पर बैठकर जाम लगा दिया. देखते ही देखते सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई और पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन किसानों का गुस्सा कम नहीं हुआ. उनका कहना है कि टोकन मिलने के बाद भी खाद नहीं मिल रही और कई किसानों को तो टोकन ही जारी नहीं किए जा रहे. सुबह से लाइन में लगने के बावजूद किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. किसानों ने आरोप लगाया कि सहकारी समितियों और निजी दुकानों पर 270 रुपये की यूरिया की बोरी 500 रुपये तक में बेची जा रही है, जिससे किसान ठगे जा रहे हैं. स्थिति तब और बिगड़ गई जब आक्रोशित किसानों ने सहकारी समिति के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया. हालांकि, बाद में प्रशासन ने जैसे-तैसे किसानों को शांत किया, इसके बाद वे हाईवे से हटे.

घंटों लाइन में खड़े हो रहे किसान, नहीं मिल रही खाद

इधर, खाद संकट ने श्योपुर जिले में राजनीतिक तापमान भी बढ़ा दिया है. एक तरफ किसान लंबी लाइनों में घंटों खड़े होकर खाद के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर खाद की किल्लत को लेकर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है और सरकार किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध करा रही है. उनका आरोप है कि कांग्रेस खाद के नाम पर भ्रम फैलाकर माहौल खराब कर रही है.

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

बीजेपी नेता और सेहरिया अभिकरण के अध्यक्ष तुरसनपाल बरैया ने खाद संकट को राजनीति से प्रेरित बताया. उनके इस बयान पर कांग्रेस ने करारा हमला बोला है. कांग्रेस की जनपद अध्यक्ष रीना आशीष मीना ने कहा कि हकीकत यह है कि किसान सात से आठ दिनों तक लाइनों में लगने के बाद भी खाद नहीं पा रहे. कई जगह यूरिया न मिलने से किसानों की जान पर भी बन आ रही है. उन्होंने बीजेपी नेताओं पर किसानों की पीड़ा से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें कांग्रेस को बदनाम करने की बजाय किसानों की समस्या हल करने पर ध्यान देना चाहिए. रीना मीना ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं को किसानों की तकलीफ देखने के लिए अपने चश्मे का नंबर बदलवाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष सड़क पर साफ दिखाई दे रहा है, लेकिन सत्ता पक्ष इसे देखने की बजाय राजनीतिक बयानबाजी में जुटा है. जिले में खाद संकट गहराता जा रहा है और किसान प्रशासन से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

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