Status of Leopards in India: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव (Union Minister for Environment, Forest and Climate Change, Bhupender Yadav) ने गुरुवार 29 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में भारत में तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट (Report on Status of Leopards in India) जारी की है. रिपोर्ट से पता चला है कि देश में तेंदुओं की सर्वाधिक संख्या 3907 मध्यप्रदेश में है. इसके बाद महाराष्ट्र में 1985, कर्नाटक में 1,879 और तमिलनाडु में 1,070 हैं. इस उपलब्धि पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) और वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने वन्य जीव संरक्षण और प्रबंधन से जुड़े वन विभाग के अमले को बधाई दी है.
मध्यप्रदेश के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि...
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) February 29, 2024
मध्यप्रदेश फिर से बना तेंदुआ स्टेट...
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, उससे मध्यप्रदेश गौरवान्वित हो रहा है। मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए ये गर्व के क्षण…
6 लाख 41 हजार किलोमीटर तक पैदल सर्वे हुआ, 4 करोड़ तस्वीरें प्राप्त हुईं
भारत में तेंदुए की आबादी के आकलन का पांचवां चक्र (2022) 18 बाघ राज्यों के भीतर वन आवासों पर केंद्रित है, जिसमें चार प्रमुख बाघ संरक्षण परिदृश्य शामिल हैं. 2000 एमएसएल (30 प्रतिशत क्षेत्र) से ऊपर गैर-वन निवास, शुष्क और उच्च हिमालय में तेंदुए के लिए नमूना नहीं लिया गया था. इस चक्र के दौरान शिकार के अवशेषों और शिकार की बहुतायत का अनुमान लगाने के लिए 6,41,449 किमी तक पैदल सर्वेक्षण किया. कैमरा ट्रैप को रणनीतिक रूप से 32,803 स्थानों पर रखा गया था, जिससे कुल 4,70,81,881 तस्वीरें आईं और इनमें से तेंदुए की 85,488 तस्वीरें प्राप्त हुईं.
वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए
— Department of Forest, MP (@minforestmp) February 29, 2024
प्रतिबद्ध मध्य प्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश का तेंदुआ स्टेट का खिताब बरकरार
देश में तेंदुओं की सर्वाधिक संख्या 3907 के साथ मध्यप्रदेश फिर बना नंबर 1 #leopard@ntca_india @moefcc pic.twitter.com/aLz8zr7Ks6
तेंदुआ एक रहस्यमय प्राणी है, जो गरिमा का अनुभव प्रदान करता है और भारत में अपने क्षेत्र में बढ़ते खतरों का सामना कर रहा है. उनके प्राकृतिक आवास को नुकसान, मानव-वन्यजीव संघर्ष और अवैध शिकार के बीच, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने तेंदुए की आबादी के आकलन के पांचवें चक्र का आयोजन किया, जिससे इन बड़ी बिल्लियों (Big Cat) की स्थिति और प्रवृत्तियों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई.
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