
Union Carbide Waste Management: भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में जमा जहरीले कचरे के निपटान को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में निर्णायक सुनवाई शुरू करेगा. जहरीले रासायनिक कचरे को पीथमपुर स्थित रामकी संयंत्र में जलाने की योजना का तब विरोध शुरू हो गया जब लोगों के दिमाग में कचरा जलाने के बाद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की आशंकाएं घर कर गई.
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चिन्मय मिश्रा ने पीथमपुर में जहरीला कचरा निपटारे के विरोध में दायर की याचिका
पीथमपुर के रामकी संयत्र में भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने के विरोध में याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्रा याचिका दायर की थी. पहले मामले की सुनवाई 24 फरवरी को होनी थी, लेकिन यह सुनवाई आज शुरू हो रही है, जिसके बाद यह होगा कि कचरे का निपटान पीथमपुर में किया जाएगा या कोर्ट इस पर रोक लगाएगी.
धार जिला प्रशासन पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाने की कर चुकी है तैयारी
गौरतलब है मामला पर्यावरण और जन स्वास्थ्य से जुड़ा है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट पर सबकी निगाहें टिकी हैं. प्रशासन जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने की तैयारी कर चुका है, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते निपटारे को टाल दिय. याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्ना ने जन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर दी, जिसकी सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में शुरू होने वाली है.
यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में जमा 337 मीट्रिक टन कचरे को निपटाने की है योजना
1984 में भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में हुए गैस रिसाव के चलते काफी लोगों की जान गई थी. इस हादसे के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्टरी में 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जमा था. इसी कचरे के निपटारे के लिए राज्य सरकार ने पीथमपुर स्थित रामकी संयंत्र को चुना था, लेकिन स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य का हवाला देकर विरोध करना शुरू कर दिया.
पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाने को लेकर स्थानीय संगठन कर रहे हैं विरोध
स्थानीय संगठन ने पीथमपुर में जहरीले कचरे के निपटान को लेकर आंशकित हैं. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने से बड़ी मात्रा में टॉक्सिक गैसें निकलेंगी, जिससे पीथमपुर और आसपास के शहरों की हवा दूषित हो सकती है. इसी कारण पिछले कुछ महीनों से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
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पीथमपुर में कचरे के निपटान पर जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर भी उठ रहे सवाल
पीथमपुर बचाओ समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक प्रशासन ने झूठे पत्रों के आधार पर हाईकोर्ट से कचरा जलाने की ट्रायल की अनुमति ली थी. इस मामले में 9 स्थानीय लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे देकर बताया कि हाईकोर्ट में पेश किए गए उनके कथित हस्ताक्षर फर्जी थे. मामले में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं.
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पीथमपुर में होगा कचरे का होगा निपटान या रोक लगाएगी सुप्रीम कोर्ट, अटकलें शुरू
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में आज से सुनवाई शुरू हो रही है, लेकिन सुनवाई से पहले अटकलों को दौर शुरू हो गया है. लोगों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले को जारी रखती है तो प्रशासन तीन चरणों में कचरे को जलाने का ट्रायल करेगा और 27 मार्च तक रिपोर्ट पेश करेगा, लेकिन रोक लगाती है, तो सरकार को अन्य विकल्प तलाशने होंगे.
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