
मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने शुक्रवार को एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो नशेड़ियों के नाम पर पहले तो मोटरसाइकिल को फाइनेंस करवाता, फिर बेच देता. उसके बाद गैंग बाइक को चोरी करवाता रहता था. मामले में पुलिस ने बदमाश और फाइनेंस एजेंट सहित 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर 19 लाख रुपये की 13 बाइक और एक्टिवा जब्त की है.

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि नागदा निवासी इमरान उर्फ लालू, जावेद खान उर्फ गोलू, जीशान खान और मॉटू रघुवंशी ने चार साल पहले गिरोह बनाया. ये नशेड़ियों को कुछ राशि देकर उनके दस्तावेज ले लेते थे. फिर फाइनेंस कमानियों के एजेंटों की मिलीभगत से महंगे दो पहिया वाहन फाइनेंस करवाकर कम कीमत में बेच देते. फिर वही वाहन चोरी करवाकर बार-बार बेचते रहते थे. जानकारी के बाद चारों आरोपियों को पकड़ कर उनसे 7 बाइक और 6 एक्टिवा बरामद की हैं.
जब्त वाहन करीब 13 लाख रुपये के हैं. मामले में पुलिसमहिदपुर के हिन्दूजा फाइनेंस के एजेंट कपिल राठौर, रतलाम के आईडीएफसी एजेंट अक्षय, एचडीएफसी बैंक एजेन्ट महेन्द्र और बड़नगर के एचडीएफसी एजेंट विनोद को भी गिरफ्त में लिया है.
ऐसे हुआ खुलासा
एसपी शर्मा ने बताया कि 11 जुलाई को ढाबा रोड निवासी आवेश खान ने आरोपी जावेद उर्फ गोलू द्वारा विक्रय पत्र लिखकर हीरो होंडा शाइन खरीदी थी. दो दिन बाद ही बाइक चोरी होने पर उसने जीवाजीगंज थाने में रिपोर्ट लिखाई. मामले की जांच करते हुए सीसीटीवी फुटेज निकाले तो जीशान, उमरान और मोंटू बाइक ले जाते नजर आए, जबकि तीनों ही आवेश को बाइक बेचते समय जावेद के साथ में थे. इसी फुटेज के आधार पर चारों को पकड़ा तो पूरे गिरोह का खुलासा हो गया.
मृत रिश्तेदारों के नाम से भी फाइनेंस
गिरोह चार साल से नशेड़ियों के नाम से वाहन फाइनेंस करवा रहा था. अब तक उनसे 34 वाहन फाइनेंस करवाने का पता चला. खास बात तो यह है कि आरोपी अपने मृत रिश्तेदारों के नाम से भी वाहन फाइनेंस करवा लेते थे, जीशान ने अपने मृत पिता के नाम से ही शाइन बाइक फाइनेंस करवाकर आवेश को बेची थी, जिससे गिरोह का खुलासा हुआ है. आरोपी इमरान खान पर पूर्व में भी 9 अपराध दर्ज हैं.
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