
Ujjain Muharram Case: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में मुहर्रम का जुलूस (Muharram Julus) निकालने के दौरान बड़ा बवाल हो गया. यहां तय रूट को छोड़ घोड़ा निकालने के लिए लोगों ने बैरिकेट तोड़े, तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. मामले में रविवार को जीवाजीगंज पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
तय रूट से अलग जाने का प्रयास
मुहर्रम के 9वें दिन मुस्लिम समाज द्वारा सामूहिक रूप से घोड़ा (जुलूस) निकाला जाता है. इसी परंपरा के तहत शनिवार रात बेगमबाग निवासी इरफान खान उर्फ लल्ला का भी घोड़ा निकल रहा था. लेकिन, लल्ला और उसके साथी जुलूस लेकर खजुरवाली मस्जिद से तय मार्ग निकास चौराहा की ओर जाने के बजाए अब्दाल पूरा की ओर जाने का प्रयास करने लगे. पुलिस द्वारा रोकने के बावजूद उन्होंने बैरीकेट भी तोड़कर जाने का प्रयास किया. इस दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. नतीजतन, घोड़ा गिर गया और लल्ला व उसके साथी घोड़ा छोड़कर भाग गए.
सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की खोज
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि मुहर्रम पर्व को देखते हुए 10 दिन में दो बार समाज की बैठक लेकर जुलूस के लिए रूट तय किया गया था. समाज के लोगों ने सहमति देकर साइन भी किया था. बावजूद इसके, लल्ला और उसके साथियों ने जान बूझकर दूसरे रूट पर बैरीकेट तोड़ जुलूस ले जाने का प्रयास किया, जिससे पुलिसकर्मी घायल हुए और हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. मामले में लाला सहित 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
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पदाधिकारी ने मानी गलती
पूरी घटना को लेकर सीरत कमेटी के सह सचिव एडवोकेट मकसूद अली ने समाज जनों को दोषी बताया. उन्होंने कहा कि बैठक में पुलिस ने रूट तय बॉन्ड भरवाए थे. रूट चेंज के बारे में बैठक में बताना था, इसलिए गलती समाज के लोगों की है और जिम्मेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए.
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