Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का भस्म आरती में पर्व के अनुसार श्रृंगार किया जाता है. शुक्रवार को बाबा महाकाल का अर्धनारीश्वर के रूप मे श्रृंगार किया गया. जिसे देख दर्शनार्थी अभिभूत हो गए.
आरती के बाद हुआ श्रृंगार
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन तड़के 4 बजे मंदिर के बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है. शुक्रवार तड़के भी मंदिर के कपाट खोलकर जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया. फिर भांग, चन्दन, तिलक और चंद्र अर्पित कर भस्म चढ़ाई गई. ड्रायफ्रूट और आभूषण से बाबा महाकाल का अर्धनारिश्वर स्वरूप में दिव्य श्रृंगार किया.
इसलिए मनाते हैं तीज
बाबा का प्रतिदिन के पर्व अनुसार श्रृंगार किया जाता है. आज हरितालिका तीज होने से बाबा का अर्धनारिश्वर स्वरूप में श्रृंगार किया. मान्यता है कि पार्वती जी ने अपने पिछले जन्म में शिव जी को पति मानकर कठोर उपासना की थी. लेकिन उनके पिता विवाह के लिए तैयार नहीं थे. इसलिए पार्वती को उनकी सहेली हर कर जंगल में ले गई थी. जहां उनके कठोर तप से प्रसन्न होकर तीज के दिन शिव जी ने दर्शन दिए थे. यहां वर मांगने का कहने पर पार्वती जी ने शिव जी को पति के रुप में मांग लिया था.
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क्यों करती है महिलाएं उपवास
शिव पार्वती कुंवारी लड़कियां शिव और पार्वती की पूजा कर यह उपवास करती है तो उन्हें मनचाहा पति मिलता है और विवाहिता को उपवास स्वरूप उनके पति की उम्र लंबी होती है. इसलिए महिलाएं उपवास कर मिट्टी के शिवलिंग और पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजा करती है.
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