विज्ञापन

उज्जैन का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल खुद है बीमार, 6 लिफ्ट पड़ी हैं बंद, प्रसूता वार्ड में पंखे भी नहीं

उज्जैन के चरक भवन अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार है. अस्पताल के दावे और हकीकत में काफी अंतर है. शिशु वार्ड के पास सीवर का पानी सड़क पर बह रहा है, जिससे तीन माह से बदबू फैली हुई है.

उज्जैन का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल खुद है बीमार, 6 लिफ्ट पड़ी हैं बंद, प्रसूता वार्ड में पंखे भी नहीं

Ujjain Govt Hospital: उज्जैन के चरक भवन में स्थित सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में अधिकारी उच्च श्रेणी की सुवधाएं देने का दावा तो करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां होती है. एनडीटीवी की टीम ने मंगलवार सुबह पड़ताल की तो जो हालात नजर आए, उससे अस्पताल खुद बीमार नजर आता है.

आगर रोड पर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल चरक भवन है. आधुनिक सुविधाओं से लैस इस छह मंजिला अस्पताल में व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में डॉक्टर, कर्मचार और अधिकारी तैनात हैं. अस्पताल में पड़ताल की तो अव्यवस्थाओं का अंबार नजर आया.

Latest and Breaking News on NDTV

शिशु वार्ड के पास बह रहा सीवर

अस्पताल के बेसमेंट में पार्किंग में बाहरी लोगों की गाड़ियां पार्क होने की जानकारी मिली तो इमरजेंसी और शिशु वार्ड के पास सीवर का पानी सड़क पर बहता दिखा. पता चला सीवरेज के कारण तीन माह से बदबू फैली हुई है. मरीजों की सुविधा के लिए लगीं 10 में से 6 लिफ्ट कई महीनों से बंद पड़ी हैं. शौचालयों में नल की टोटी, शीट और टाइल्स टूटी पड़ी है.

Latest and Breaking News on NDTV

पेपर से राहत का प्रायस

ग्राउंड फ्लोर के हालात देखने के बाद प्रथम मंजिल पर पहुंचे तो यहां 40 बेड के शिशु वार्ड में सिर्फ पंखे लगे नजर आए. अपने बच्चे का इलाज करा रहे राकेश और सलमा ने बताया कि भीषण गर्मी में पंखे पर्याप्त नहीं हैं. इसलिए बच्चों को कपड़े और पेपर से हवा कर गर्मी से राहत देने का प्रयास कर रहे हैं. ड्यूटी पर मौजूद नर्स मंजू ने भी इस बात की पुष्टि की. वहीं, अन्य महिला ने बताया कि यहां पीने का पानी भी नहीं है.

Latest and Breaking News on NDTV

निजी पंखे के सहारे मरीज

ऐसा ही हाल प्रसूताओं के वार्डों में नजर आया. यहां प्रसूताओं के परिजनों को गर्मी से राहत के लिए घर से पंखे, कूलर लाकर लगाना पड़ा. वहीं,प्रसूता वार्ड की खिड़की पर मधुमक्खी का छत्ता भी है, जिस वजह से खिड़की भी नहीं खोल सकते हैं.

इस फ्लोर पर डस्टबिन कचरे से भरी नजर आई और वॉटर कूलर बंद. इसके पास गंदगी दिखी, जहां लोगों ने गुटखा खाकर थूका था. दूसरी, तीसरी ओर चौथी मंजिल भी अव्यवस्थाओं का शिकार नजर आई. छठी मंजिल पर 27 मार्च 2021 को दक्ष स्किल्स लेब बनाई गई थी, लेकिन इस फ्लोर का अधिकांश भाग भंगार से भरा दिखाई दिया.

फायर सेफ्टी बने पीकदान

चरक हॉस्पिटल में प्रतिदिन 1500 लोग पहुंचते इसलिए आगजनी से बचाव के लिए हर फ्लोर पर फायर सेफ्टी उपकरण के चैंबर बनाए गए, लेकिन यह चैंबर टूटे फूटे और पीकदान बने नजर आए। वहीं इसके पास मौजूद इमरजेंसी एक्जिट प्वाइंट पर ताले जड़े दिखे। ऐसे में हादसा होने पर घटना की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है

सिविल सर्जन बोले- सब ठीक

अस्पताल के पास सीएमएचओ डॉ अशोक पटेल का ऑफिस है. ग्राउंड फ्लोर पर सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार दिवाकर और आरएमओ चिन्मय चिंचोलीकर बैठते हैं, लेकिन किसी को भी अव्यवस्था, गंदगी नजर नहीं आती. सिविल सर्जन डॉ दिवाकर ने सफाई देते हुए कहा कि प्रतिदिन 1500 से ज्यादा लोग अस्पताल में आते हैं. ऐसे में थोड़ी-बहुत अव्यवस्था होती रहती है. सीवरेज मेडिसिटी के कारण बह रहा है. लिफ्ट की स्थिति की उन्हें जानकारी नहीं है.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close