
Shahdol Elephant Attack: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने शहडोल जिले में तीन ग्रामीणों की मौत के मामले का संज्ञान लिया है. उन्होंने तीनों के परिवार को 25 - 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही, वन विभाग की टीम को हादसे की जांच करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि तीनों पर दो जंगली हाथियों ने हमला किया था. वे तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए गए थे, जब ये हादसा हुआ. सीएम यादव ने मुआवजे का ऐलान अपने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए किया.
शहडोल जिले में तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों पर हाथियों के हमले में तीन ग्रामीणों की मृत्यु का अत्यंत पीड़ादायक समाचार प्राप्त हुआ है। हाथियों के हमले की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम को हादसे की जांच करने के भी निर्देश दिए हैं।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) May 19, 2025
प्रत्येक मृतक के वैध आश्रित परिजन को ₹25-25 लाख…
हाथियों ने रौंदकर मार डाला
उपसंभागीय अधिकारी (ब्यौहारी वन) रेशम सिंह धुर्वे ने बताया कि बेहारी तहसील मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर सनौसी गांव में जंगली हाथियों ने उमेश कोल (40) को रौंदकर मार डाला, जबकि उसकी पत्नी पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाने में सफल रही. दूसरी घटना में ब्यौहारी से करीब 27 किलोमीटर दूर धोंडा गांव में हाथियों ने देवगनिया बैगा (65) की हत्या कर दी. तीसरी घटना में दो हाथियों ने पास के कोलुहा-घटवा बारछ गांव में मोहन लाल पटेल (8) की जान ले ली. ये सभी घटनाएं सुबह छह और आठ बजे के बीच हुईं.
50 हजार रुपये प्रारंभिक मुआवजा
अधिकारी ने जानकारी दी कि हाथी बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से भटक गए और बनास नदी के रास्ते संजय गांधी बाघ अभयारण्य क्षेत्र की ओर जा रहे थे. उसी बीच उन्होंने तीनों पर हमला कर दिया. मृतकों के परिजनों को प्रारंभिक मुआवजे के रूप में 50 हजार रुपये दिए गए.
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वन अधिकारियों को जांच के आदेश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि अधिकारियों को मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने वन अधिकारियों को उन तीन व्यक्तियों की मौत की जांच करने का भी निर्देश दिया, जो तेंदूपत्ता (बीड़ी बनाने में इस्तेमाल होने वाले पत्ते किया) एकत्र कर रहे थे. संयोग से, राज्य सरकार द्वारा 13 मई को ऐसी घटनाओं को रोकने के मकसद से और हाथियों के प्रबंधन में सुधार के लिए 47.11 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी देने के कुछ दिनों बाद ये मौतें हुई हैं.
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