Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के देवास (Dewas) जिला नगर निगम ने शहर में हो रहे अतिक्रमण (Encroachment) को लेकर सभापति और महापौर ने गांधीगिरी अपनाया. उन्होंने दुकान संचालकों को फूल देकर, उनसे हाथ जोड़कर खुद दुकान के बाहर हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए गुहार की. वहीं, इसके विपरीत, नगर निगम (Dewas Nagar Nigam) का दारोगा चौराहे पर ठेले लगाने वालों को दादागिरी दिखाते हुए ठेले पर रखे फल-फ्रूट फेंक रहे हैं. यह वाकया ठेला लगाने को लेकर नहीं हुआ हैं. इसके पीछे की वजह कुछ और थी..
दारोगा ने दिखाई दादागिरी
दरअसल, नगर निगम का दरोगा केलादेवी चौराहे पर करीब 7 वर्षो से फल फ्रूट का ठेला लगाने वाले हीरालाल मालवीय के पास निगम का दरोगा भरत पहुंचा. निगम दरोगा ने पपीता और आम लिए. जब वह बिना रुपए दिए जाने लगा, तो भरत के फल फ्रूट के रुपए मांगे. बाद में देखेंगे की बात कहकर चला गया. जिसके बाद दूसरे दिन फिर पहुंचा और दादागिरी दिखाते हुए फल फ्रूट ठेले से उठाकर फेंक दिया. साथ ही तराजू बाट भी फेंक दिए.
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एक तरफ अपनाई गई गांधीगिरी
दूसरी तरफ, शहर मुख्य मार्ग एमजी रोड पर अतिक्रमण के चलते जाम लग जाता है और जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे रसूखदार दुकान सचालको को अतिक्रमण हटाने के लिए फूल देकर हाथ जोड़ रहे हैं. वहीं ठेले लगाने वाले जो रोजाना नगर निगम को शुल्क देते हैं, उन लोगो को दादागिरी दिखाते हुए फल-फ्रूट फेंक रहे हैं. देवास नगर निगम के सभापति रवि जैन जहां पर एक ओर व्यापारियों से फूल देकर बात कर रहे हैं, वहीं निगम के दारोगा दादागिरी दिखा रहे हैं.
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