
Kanha Tiger Reserve: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कान्हा टाइगर रिजर्व और जिले के वन महकमे के लिए बाघ की सुरक्षा से जुड़ी दो खबरें बेहद चुनोती भरी थीं. प्रबंधन को पहली खबर शाम को मिली कि पार्क के मुक्की जोन में बंजर नदी में एक बाघ का शव बहता दिखा है. खबर के बाद प्रबंघन सक्रिय हुआ और बाघ के शव को नदी से निकालने का प्रयास शुरू किया गया. रेस्क्यू में एसडीआरएफ को शामिल किया गया. लेकिन, बंजर नदी में बाढ़ का पानी और शाम के बाद गहराती रात रेस्क्यू में बाधा थी. बावजूद इसके, टाइगर रिजर्व प्रबंघन और SDRF नदी के किनारों पर मुस्तैद हो गए. तभी देर रात एक और खबर आई कि पार्क के खापा रेंज के गांव मालखेड़ी के एक कुएं में बाघ गिर गया है.
देर रात किया बाघ का रेस्क्यू
कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंघन ने देर रात ही कुएं में गिरे बाघ को निकालने के प्रयास शुरू किए. रात का अंधेरा, सीमित साधन और रहवासी क्षेत्र के कुएं से बाघ को सुरक्षित निकालना बड़ा टास्क था. वन अधिकारियों - कर्मचारियों ने गांव से ही एक खाट मंगाई ओर रस्सी के सहारे खाट को कुएं में डाला गया. कोशिश की गई कि बाघ पानी में तैरने के बजाय किसी तरह खाट में बैठ जाए. जैसा कि प्रबंधन सोच रहा था, आखिरकार वैसा ही हुआ. जैसे ही खाट कुएं में डाली गई, टाइगर खाट पर बैठ गया. खाट को धीरे-धीरे कुएं से बाहर निकाला गया. जैसे ही खाट कुएं के जगत (दीवार) के बराबर आयी, बाघ ने एक छलांग लगाई और भागते हुए जंगल का रुख कर गया.
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बाढ़ के पानी से बाघ के शव का रेस्क्यू
नदी में बाघ का शव बाढ़ का पानी कम होने के कारण एक रेत के टीले में फंसा मिला. लेकिन, उस तक पहुंचना बहुत मुश्किल था. कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंघन और एसडीआरएफ ने इस काम को भी पूरा किया. नदी में मिला बाघ शव पहचान लिया गया. पार्क प्रबंघन के अनुसार, उक्त बाघ कान्हा टाइगर रिजर्व का नहीं, बल्कि बालाघाट या छत्तीसगढ़ का हो सकता है.
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