
Good News For Wildlife Conservation : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और मंडला सहित वन्यजीव संरक्षण के लिए एक अच्छी खबर है. मंडला जिले में स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve) एक बार फिर देश के मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना चुका है. भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून यानी WII (Wildlife Institute of India) की जारी की गई आकलन रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
कान्हा नेशनल पार्क शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या के मामले में देश के सभी टाइगर रिजर्व को पीछे छोड़ते नंबर वन पर आ गया. यह कान्हा टाइगर रिजर्व के साथ-साथ पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

Wildlife Institute of India ने अपनी रिपोर्ट में देशभर के टाइगर रिजर्व में शाकाहारी वन्यजीवों पर विस्तृत अध्ययन किया था. इस रिपोर्ट के मुताबिक,कान्हा में सांभर, चीतल, गौर, बार्किंग डीयर, वाइल्ड पिग,सहित कई अन्य शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या देश के अन्य टाइगर रिजर्व की तुलना में सबसे अधिक है. कान्हा टाइगर रिजर्व जैवविविधता के लिए अनुकूल हैं. यहां शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या ज्यादा होने के कारण बाघ समेत मांसाहारी वन्य प्राणियों के लिए बेहतर रहवास है. जानकारी के मुताबिक बाघों की संख्या, गतिविधियों और आवास की निगरानी के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देश के अनुसार फेज-4 वन्य प्राणियों की गणना की जाती है.
टाइगर रिजर्व के कर्मी एम स्ट्राइप्स इकोलॉजिकल एप के माध्यम से ट्रांजिक्ट लाइन में चलकर गणना करते हैं. इसके अलावा इस गणना के लिए कैमरा ट्रैप का भी उपयोग किया जाता है.इसके बाद आंकड़ों का आकलन भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के द्वारा किया जाता है...
मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि

पिछले वर्ष की गणना के आंकड़ों का विश्लेषण कर WII भारतीय वन जीव संस्थान देहरादून ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह सामने निकलकर आया कि कान्हा टाइगर रिजर्व शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या के मामले में देश के सभी टाइगर रिजर्व को पीछे छोड़ते नंबर वन पर आ गया. यह कान्हा टाइगर रिजर्व के साथ-साथ पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. WII ने अपनी रिपोर्ट में देशभर के टाइगर रिजर्व में शाकाहारी वन्यजीवों पर विस्तृत अध्ययन किया था.
कान्हा टाइगर रिजर्व का कोर और बफर एरिया 2052 वर्ग किलोमीटर फैला
इस रिपोर्ट के मुताबिक, कान्हा में सांभर, चीतल, गौर, बार्किंग डीयर, वाइल्ड पिग, सहित कई अन्य शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या देश के अन्य टाइगर रिजर्व की तुलना में सबसे अधिक है. कान्हा टाइगर रिजर्व का कोर और बफर एरिया 2052 वर्ग किलोमीटर फैला है. यहां टाइगर के अलावा बारासिंघा, गौर, चीतल, बार्किंग डीयर, लंगूर, सांभर, जंगली सूअर समेत अन्य वन्य प्राणी हैं. कान्हा नेशनल पार्क में शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या अधिक होने के कारण बाघ समेत अन्य मांसाहारी वन्य प्राणी के लिए बेहतर रहवास है.
टाइगर, तेंदुआ, जंगली डॉग की भी इतनी अधिकता है
शाकाहारी वन्य प्राणी पर मांसाहारी वन्य प्राणी निर्भर रहते हैं, जितनी अच्छी संख्या पार्क में शाकाहारी वन्यप्राणी की होगी, टाइगर समेत अन्य मांसाहारी वन्य प्राणी की भी संख्या उतनी अच्छी रहेगी. कान्हा टाइगर रिजर्व अपनी उत्कृष्ट जैव विविधता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. यही मुख्य कारण है कि यहां शाकाहारी वन्यजीवो की इतनी अधिकता होने के चलते कान्हा टाइगर रिजर्व मे मांसाहारी वन्यजीव जैसे टाइगर, तेंदुआ, जंगली डॉग की भी इतनी अधिकता है. कान्हा टाइगर रिजर्व में इतनी बड़ी संख्या में टाइगर होने का भी यही कारण है की यहां शाकाहारी वन्य जीव अधिक है
'कान्हा टाइगर रिजर्व जैव विविधता का सबसे अच्छा उदाहरण'
कान्हा टाइगर रिजर्व की डिप्टी डायरेक्टर का कहना है कि कान्हा टाइगर रिजर्व शाकाहारी वन्य जीव के मामले में पूरे भारत में नंबर वन है. उनका कहना है जहां शाकाहारी वन्य जीव ज्यादा होते हैं. वहां पर मांसाहारी वन्य जीव भी ज्यादा होते हैं. इसलिए कान्हा टाइगर रिजर्व में टाइगर की संख्या ज्यादा है और कान्हा टाइगर रिजर्व जैव विविधता का सबसे अच्छा उदाहरण है, आपको बता दें, WII की इस सूची में शाकाहारी बने जीवों की संख्या में उत्तराखंड में स्थित जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व दूसरे नंबर पर है और कान्हा टाइगर रिजर्व नंबर 1 पर है.
शाकाहारी वन्य प्राणी की स्थिति
वन्य प्राणी घनत्व
बार्किंग डीयर 3.75
चीतल 40.29
गौर 6.42
सांभर 8.21
जंगली शूकर 11.19
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