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MP के इस जांबाज ने भारत का नाम किया रौशन, Australia के सबसे ऊंचे शिखर पर लहराएगा तिरंगा

Jabalpur News: एमपी के माउंटेन मैन माने जाने वाले अंकित सेन ने भारत का सर गर्व से उंचा कर दिया है. वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा पहराने वाले पहले भारतीय होंगे.

MP के इस जांबाज ने भारत का नाम किया रौशन, Australia के सबसे ऊंचे शिखर पर लहराएगा तिरंगा
जबलपुर के अंकित सेन

MP Mountain Man: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) के माउंटेन मैन कहे जाने वाले अंकित सेन (Ankit Sen) 9 अगस्त को जबलपुर से ऑस्ट्रेलिया (Australia) के लिए निकले थे. वह 15 अगस्त को भारत का राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) तीसरे सबसे ऊंचे शिखर ऑस्ट्रेलिया के माउंट कोसियस्ज़को (Mount Kosciuszko) पर फहराने के लिए पहुंच गए हैं. अंकित 15 अगस्त को सुबह चढ़ाई शुरू करेंगे और राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. अंकित बेस कैंप पहुंच गए है. बता दें कि माउंट कोसियस्ज़को ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी है. यह दक्षिण-पूर्वी न्यू साउथ वेल्स में ऑस्ट्रेलियाई आल्प्स के स्नोई पर्वतों में स्थित है. यह चोटी 7,310 फीट (2,228 मीटर) ऊंची है.

कई रिकॉर्ड कर चुके हैं अपने नाम

कई रिकॉर्ड कर चुके हैं अपने नाम

इससे पहले भी कर चुकें हैं कई कमाल

पर्वतारोही अंकित ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर माउंट किलिमंजारो और यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एलब्रुस में तिरंगा फहराकर विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ाया है. अब वह ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे शिखर माउंट कोजिअस्को में तिरंगा फहराने जा रहे हैं. जबलपुर के माउंटेन मैन अंकित सेन पहले भी कई तरह के परचम लहरा चुके हैं. अंकित ने बताया कि वे अपने नाम कई रिकार्ड दर्ज करा चुके हैं. माउंटेनिंग के लिए कोर्स किया है, साथ ही ट्रेनिंग भी ली है. इस वर्ष की शुरुआत अंकित हिमाचल प्रदेश केकरेरी झील कांगड़ा जिले के धर्मशाला से लगभग 9 किलोमीटर उत्तर पश्चिम धौलाधार पर्वत पर जाकर राष्ट्रीय ध्वज लहराया था, जो समुद्र तल से 2934 मीटर ऊपर है. 

सभी महाद्वीप पर तिरंगा लहराने का सपना

अभी तक अंकित ने तीन महाद्वीपों का सपना पूरा कर लिया है. अंकित का सपना है कि वह विश्व के सातों महाद्वीपों पर जाकर देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराएं. अंकित के साथ अंकित वैष्णव, देवकुमार, अराध्य यादव, मुगल सादाब भी इस यात्रा में शामिल हैं. अंकित ने कहा कि बचपन से ही कुछ अलग करने की चाह थी. इसलिए मैंने पर्वतारोही की राह आसान चुनी. यह राह आसान नहीं थी. पहाड़ों पर जाना हर किसी के बस की बात नहीं है. कई बार माइनस तापमान का भी सामना करना पड़ा. जिसके लिए सेफ्टी किट साथ रहती है. 

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मजदूर का बेटा है अंकित

अंकित के पिता मजदूरी करते हैं और मां गृहणी है. लेकिन, उन्होंने अंकित के पर्वत रोहण के सपने के बीच कभी भी आर्थिक परिस्थितियों नहीं आने दी. उनसे जो बन पड़ा, वह उन्होंने अंकित के लिए किया. अभी ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए भी अंकित के सामने बड़ा आर्थिक संकट था. शहर की कुछ संस्थाओं ने अंकित को मदद की. जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू भी अंकित के साथ सदैव खड़े नजर आते हैं. अंकित सेन चाहते हैं कि वह सभी महाद्वीपों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद माउंट एवरेस्ट पर भी तिरंगा ध्वज अवश्य फहराएं.

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