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This Article is From Jul 31, 2023

मध्यप्रदेश में है 'मिनी ब्राजील' ! PM मोदी ने किया शहडोल की 'फुटबॉल क्रांति' का जिक्र

मध्यप्रदेश के शहडोल में चल रही 'फुटबॉल क्रांति' का जिक्र PM मोदी ने अपनी 'मन की बात' कार्यक्रम में किया. उन्होंने बताया कि कैसे अवैध शराब के नशे में डूबा गांव अब फुटबॉल की नर्सरी बन चुका है. जहां से कई बड़े फुटबॉल खिलाड़ी निकल रहे हैं.

मध्यप्रदेश में है 'मिनी ब्राजील' ! PM मोदी ने किया शहडोल की 'फुटबॉल क्रांति' का जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में फुटबॉल पर बात की. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के एक छोटे से शहर बिचारपुर का  जिक्र किया. ये गांव पहले कभी अवैध शराब के लिए बदनाम था लेकिन अब ये फुटबॉल के प्रति अपने जुनून के लिए "मिनी ब्राजील" के तौर पर मशहूर हो गया है. 

पीएम मोदी ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन यानी (AIFF) की प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से कहा कि "मिनी ब्राजील" की यात्रा बेहद प्रेरणादायक है.

PM ने बताया कि वे कुछ हफ्तों पहले मध्यप्रदेश के शहडोल गए थे. यहां जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर एक गांव है विचारपुर जो कभी शराब के लिए बदनाम था लेकिन अब वहां हर दूसरे घर में फुटबॉल का खिलाड़ी है.

PM ने बताया कि शहडोल दौरे के दौरान उनकी मुलाकात ऐसे ही कई फुटबॉल खिलाड़ियों से हुई. जिसके बाद मुझे लगा कि हमारे देशवासियों और खासकर हमारे युवा दोस्तों को इसके बारे में जरूर जानना चाहिए. 

खुद पीएम मोदी के मुताबिक बिचारपुर गांव के मिनी ''ब्राजील'' बनने की यात्रा ढाई दशक पहले शुरू हुई थी. उस दौरान बिचारपुर गांव अवैध शराब के लिए बदनाम था. यह नशे की चपेट में था. इस तरह के माहौल का सबसे बड़ा खामियाजा यहां के युवाओं को भुगतना पड़ रहा था. लेकिन इस गांव ने फुटबॉल को अपनाया. जिसने गांव को इस दयनीय स्थिति से निकलने में मदद की. इसमें पूर्व फुटबॉलर और कोच रईस अहमद की बड़ी भूमिका रही. PM आगे बताया कि रईस के पास संसाधन नहीं थे लेकिन उन्होंने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना और पूरी लगन के साथ उनको फुटबॉल सिखाना शुरू किया.

कुछ ही सालों में फुटबॉल इतना लोकप्रिय हो गया कि बिचारपुर गांव की पहचान ही फुटबॉल से हो गई. अब यहां "फुटबॉल क्रांति" नाम से एक कार्यक्रम भी चल रहा है. इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को इस खेल से जोड़ा जाता है और उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है. यह कार्यक्रम इतना सफल रहा है कि बिचारपुर से 40 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर के खिलाड़ी उभर कर सामने आए हैं. 

बता दें कि फुटबॉल की यह क्रांति अब धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैल रही है. शहडोल एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में 1200 से अधिक फुटबॉल क्लब बनाये गये हैं. यहां से बड़ी संख्या में खिलाड़ी निकले हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं. आज यहां कई जाने-माने पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और कोच युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं. पीएम ने कहा, जरा कल्पना कीजिए कि जो आदिवासी इलाका अवैध शराब के लिए जाना जाता था, नशे के लिए बदनाम था, वह अब देश की फुटबॉल नर्सरी बन गया है. 

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