Satna Government School: स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर भले ही शासन ने कई नियम और निर्देश जारी किए हों लेकिन उन पर शिक्षकों की मनमानी भारी पड़ रही है. छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ किए जाने की एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. मामला है मझगवां विकासखंड की शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पालदेव का, जहां शिक्षकों की ओर से आए दिन बिना बाउंड्री वाली छत पर क्लास लगाई जा रही है. यही नहीं शिक्षक छत पर छात्रों को बिठाने के बाद दोनों कुर्सियों पर पैर फैलाकर बैठ जाते हैं और फोन पर बिजी हो जाते हैं. सवाल यह है कि इस असावधानी के बीच अगर कोई बच्चा छत से नीचे गिरा तो उस स्थिति में जिम्मेदार किसे ठहराया जाएगा?
फिलहाल इस प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद अधिकारी मामले में संज्ञान लेते हुए जांच कराकर वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में हैं. बताया जाता है कि मझगवां विकासखंड से करीब पचास किमी की दूरी पर स्थित पालदेव स्कूल में लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक छात्र अध्ययन करते हैं. विद्यालय के शिक्षक मधु पटेल जिस कक्षा के छात्रों का पीरियड लेते हैं, उन्हें छत पर बैठकर पढ़ना होता है. बुधवार को भी उन्होंने एक क्लास के छात्रों को छत पर बैठाया.
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कभी भी हो सकता है हादसा
इस दौरान वह पढ़ाई में कम और मोबाइल पर ज्यादा फोकस करते दिखे. लिहाजा गांव के कुछ लोगों ने उन्हें मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया. अब यही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. माध्यमिक शाला पालदेव में जिस प्रकार से खुली छत पर कक्षाओं का संचालन हो रहा है उससे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है. बच्चों का स्वभाव नटखट होता है. ऐसे में अगर उन्होंने कोई शरारत की तो किसी भी बच्चे की जान जा सकती है. इस परिस्थिति में संबंधित शिक्षक के साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की सक्रियता पर भी सवाल खड़े होंगे.
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क्लास रुम होने के बाद भी छत में क्लास क्यों?
माध्यमिक शाला पालदेव में छात्रों की बैठक व्यवस्था के लिए पर्याप्त क्लास रूम हैं. इसके बाद भी छत पर बच्चों की कथित क्लास लगाने का औचित्य समझ से परे है. क्या ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि शिक्षक अपने फोन कॉल अटैंड कर आराम फरमा सकें? फिलहाल अब इस मामले में जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक विष्णु त्रिपाठी से जब इस मामले में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि छतों पर क्लास संचालन करने के कोई नियम नहीं है. भवन उपलब्ध है. शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कमरे भी हैं. फिर छत पर क्यों बैठाया जा रहा है इसकी जांच कर कार्रवाई का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा.