100th Tansen Sangeet Samaroh: मध्य प्रदेश की संगीत नगरी में तानसेन समारोह को लेकर जमकर उत्साह है. संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करने के उद्देश्य से हर साल ग्वालियर में मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा हर साल तानसेन समारोह आयोजित किया जाता है. इस बार तानसेन संगीत समारोह का 100वां उत्सव 15 दिसम्बर, 2024 से प्रारम्भ होने जा रहा है. शताब्दी वर्ष के अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा इस समारोह को विस्तार प्रदान किया गया है, साथ ही नई गतिविधियां भी जोड़ी गई हैं. संस्कृति विभाग के संचालक एनपी नामदेव ने बताया कि 15 दिसम्बर को शाम 6:00 बजे तानसेन समारोह का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की उपस्थिति में होगा. तानसेन समारोह 19 दिसम्बर तक तानसेन समाधि स्थल, बेहट एवं गुजरी महल, ग्वालियर में आयोजित किया जायेगा.
🎵''तानसेन संगीत समारोह'' का 100वां वर्ष
— PRO JS Gwalior (@PROJSGwalior) December 8, 2024
देश के विभिन्न स्थानों के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रहे कार्यक्रम
15 से 19 दिसम्बर 2024 #ग्वालियर #तानसेन_समारोह #TansenSamaroh @CMMadhyaPradesh@DrMohanYadav51@JansamparkMP @nstomar @MinOfCultureGoI @MPTourism @GwaliorComm pic.twitter.com/TnYPD1iSvW
प्रदान किया जाएगा तानसेन सम्मान एवं राजा मानसिंह तोमर सम्मान
संगीत के क्षेत्र में सक्रियता, सुदीर्घ साधना एवं उत्कृष्टता को सम्मानित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित राष्ट्रीय तानसेन सम्मान वर्ष 2023 से सुप्रसिद्ध तबला वादक पं. स्वपन चौधरी, कोलकाता को अलंकृत किया जाएगा. राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान कला, संस्कृति एवं साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय कार्य करने वाली इंदौर की ''सानन्द'' संस्था को अलंकृत किया जाएगा. यह सम्मान समारोह 18 दिसम्बर, 2024 को मुख्य समारोह के दौरान आयोजित होगा.
Did you know that the original name of #Tansen was Ram Tanu Pandey?
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) December 12, 2024
Join us for the 100th #TansenSangeetSamaroh from December 15–19, 2024, in Gwalior, Madhya Pradesh! Celebrating the centenary of this historic festival, the event will feature 300+ musicians from across the globe… pic.twitter.com/JKQdVUSHQn
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में बनाने का होगा प्रयास
15 दिसम्बर से मुख्य आयोजन प्रारम्भ होगा. इसके तहत प्रात:कालीन सभा में 10 बजे से तानसेन समारोह का पारम्परिक कार्यक्रम होगा. इसमें मजीद खां एवं साथी द्वारा शहनाई वादन, ढोली बुआ महाराज सतं एवं सच्चिदानंदनाथ एवं साथी द्वारा हरिकथा एवं मौलाना इकबाल एवं साथी द्वारा मीलाद की प्रस्तुति दी जायेगी. इसके बाद आठ वाद्यों के लगभग 350 कलाकारों द्वारा कर्ण महल के बाजू का परिसर, किला ग्वालियर में सायं 4:30 बजे समवेत प्रस्तुति दी जायेगी. जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने का प्रयास किया जायेगा.
Tag your favourite Musician & Tell them about this Temple .#Tansen, originally named Ramtanu Pandey, was born in #Behat, a village near #Gwalior, into a devout Brahmin family in the early 16th century. His father, Mukund Mishra, was a poet and devotee of Lord Shiva. According to… pic.twitter.com/QG7oSDtxp3
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) December 13, 2024
'मध्यप्रदेश की कहानियां' में हम आपको भारतीय शास्त्रीय संगीत के विख्यात गायक तानसेन के बारे में बता रहे हैं। इन्हें श्रद्धांजलि देने प्रति वर्ष 'तानसेन समारोह' आयोजित किया जाता है। इस वर्ष समारोह का 100वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश-विदेश के ख्याति प्राप्त कलाकार… pic.twitter.com/sFtr7W964L
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) November 24, 2024
ऐसा है शेड्यूल, ये रहेगा खास प्रोग्राम
14 दिसम्बर, 2024 को सायं 4:30 बजे पहली बार विशेष सभा के अन्तर्गत दुर्लभ वाद्यों की प्रस्तुतियों का आयोजन ग्वालियर के 10 प्रमुख स्थलों पर किया जाएगा. इसके अन्तर्गत टाऊन हॉल-बाड़ा में सतीश खानवलकर-अम्बरीष कालेले - मोहनवीणा, बैजाताल में भूषण कोष्टी - सुरबहार, दत्त मंदिर में भिमण्णा जाधव - सुंदरी, हस्सू हद्दू खाँ सभागृह में शारदा मुष्टी - रुद्रवीणा, जय विलास पैलेस में श्रुति अधिकारी - संतूर, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में सौरभ चौरसिया - नालतरंग, शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय में अर्पिता शर्मा - रुद्रवीणा, शंकर गंधर्व महाविद्यालय में हिमांशु सैनी - सरोद, ग्वालियर किला में अब्दुल सलाम नौशाद - क्लेरोनेट, तानसेन कला वीथिका में पंडित अवधेश द्विवेदी एवं अनमोल द्विवेदी - पखावज पर दुर्लभ वाद्यों की प्रस्तुतियां देंगे. इसी दिन पारम्परिक ''गमक'' कार्यक्रम के अंतर्गत सायं 6:30 बजे से इंटक मैदान, ग्वालियर में सुप्रसिद्ध गजल गायक श्री चंदन दास, मुम्बई द्वारा गजल गायन होगा.
15 दिसम्बर से मुख्य कार्यक्रम के अंतर्गत संगीत सभाएं
- 15 दिसम्बर, सायं 6.30 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- माधव संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- भारती प्रताप, बेंगलुरु - गायन
- यूजी नाकागावा एवं शिगेरु मोरियामा, जापान (विश्व संगीत) - सारंगी - तबला
- राहुल शर्मा, मुम्बई - संतूर
- मीता पण्डित, दिल्ली - गायन
16 दिसम्बर प्रातः 10 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- सारदा नाद मंदिर, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- हेमांग कोल्हटकर, ग्वालियर - गायन
- भास्कर नाथ एवं साथी, दिल्ली - शहनाई
- प्रेमकुमार मलिक, प्रयागराज - धुपद गायन
16 दिसम्बर, सायं 6.30 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- तावोर बेन दोर एवं तामार क्लोपर, इजराईल (विश्व संगीत) - सितार - गायन, तबला
- विवेक नवरे, खैरागढ़ - सरोद
- ऋत्विक सान्याल, वाराणसी - ध्रुपद गायन
- संतोष नाहर, दिल्ली - वायलिन
- पण्डित अजय चक्रवर्ती, कोलकाता - गायन
तानसेन संगीत समारोह 2024
— Culture Department, MP (@minculturemp) December 13, 2024
उत्सव के 100 वर्ष
आप भी इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनें
🕚15 से 19 दिसम्बर 2024
📍#ग्वालियर, #मध्यप्रदेश #TansenSamaroh #Gwalior #MadhyaPradesh #TansenSamaroh2024 #Tansen100years #1YearOfMohanYadavSarkar#MyCM#JansamparkMP pic.twitter.com/621YT5mRgO
17 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- तानसेन संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- महेश मलिक एवं अमित मलिक, भोपाल - वायलिन जुगलबंदी
- कमला शंकर, वाराणसी - गिटार वादन
- भव्या सारस्वत, रतलाम - ध्रुपद गायन
- अश्विन दलवी, जयपुर - सुरबहार
17 दिसम्बर, सायं 6.30 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- भारतीय संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- एटिने केबरेट, क्रिस्टोफ़ रोचर, निकोलस पॉइंटर्ड, फ्रांस (विश्व संगीत) - संगीत बैण्ड
- नागराजराव हवलदार, बेंगलुरु - गायन
- रोनू मजूमदार, मुम्बई - बाँसुरी
- शुभा मुद्गल, दिल्ली - गायन
18 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- शंकर गंधर्व महाविद्यालय, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- रोहन पंडित, ग्वालियर - गायन
- दानिश असलम खाँ, दिल्ली - रबाब
18 दिसम्बर, सायं 6.30 बजे (तानसेन समाधि परिसर, हजीरा)
- साधना संगीत महाविद्यालय, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- रेमो स्केनो, इटली (विश्व संगीत) - सितार
- पण्डित स्वपन चौधरी, कोलकाता (तानसेन सम्मान-2023 से अलंकृत कलाकार) - तबला
- आरती अंकलीकर टिकेकर, मुम्बई - गायन
विशेष संगीत सभा
- 18 दिसम्बर (प्रातः10 बजे) बटेश्वर मंदिर परिसर (मुरैना)
- मोहित खाँ, मुरैना - गायन
- महालक्ष्मी शिनॉय, उदयपुर - गायन
- आमिर खाँ, भोपाल - सरोद
- सुनन्दा शर्मा, दिल्ली - गायन
19 दिसम्बर, प्रातः 10 बजे (बेहट)
- ध्रुपद केन्द्र, बेहट - ध्रुपद गायन
- अनूप एवं वैशाली मोघे, ग्वालियर - गायन
- अदिति शर्मा, दिल्ली - ध्रुपद गायन
- दीपांशु शर्मा, ग्वालियर - सितार
19 दिसम्बर, सायं 6:30 बजे (गूजरी महल)
- ध्रुपद केन्द्र, ग्वालियर - ध्रुपद गायन
- सुकन्या रामगोपाल एवं साथी, बेंगलुरु - घटम् वृन्द
- मृत्तिका मुखर्जी, कोलकाता - ध्रुपद गायन
- त्रोइली एवं मौईशली दत्ता, कोलकाता - सरोद जुगलबंदी
Are you excited to attend the 100th edition of the Tansen Samaroh in Gwalior, UNESCO's Creative City of Music?
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) November 30, 2024
Get ready to take your excitement to new heights! This year, the centenary celebration of the Tansen Samaroh brings with it an array of special tourism activities in and… pic.twitter.com/MhfH9SJyxJ
600 वाद्यों की प्रदर्शनी, रागों का देख सकेंगे मूर्त रूप
तानसेन शताब्दी समारोह के अवसर पर विशेष प्रदर्शनियों का आयोजन भी किया जा रहा है. इनमें 99वें वर्षों की तानसेन समारोह यात्रा का सांगीतिक आस्वाद, मूर्धन्य कलाकारों की ऑडियो को संगीतप्रेमी QR CODE स्कैन कर सुन सकेंगे. इसके अलावा 600 से अधिक वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जिसमें शास्त्रीय, लोक एवं जनजातीय संगीत में प्रयोग किए जाने वाले वाद्ययंत्रों को प्रदर्शित किया जाएगा. इस प्रदर्शनी में इन वाद्ययंत्रों की सम्पूर्ण जानकारी भी प्रदान की जाएगी. राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से अलंकृत विभूतियों के व्यक्तित्व/कृतित्व पर केन्द्रित छायाचित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है. इसके अलावा मोती महल, ग्वालियर में ऑस्कर अवॉर्ड प्राप्त सुप्रसिद्ध चित्रकार दीपांकर गोस्वामी (लॉस एंजिलिस) द्वारा रचित चित्रों की ''रागरंग प्रदर्शनी'' आयोजित होगी. जिसमें संगीत की रागों का मूर्त रूप देखने को मिलेगा. इस प्रदर्शनी प्रात: 11 बजे से सायं 7 बजे तक अवलोकन किया जा सकेगा.
“#TansenSamaroh2024”
— PRO JS Gwalior (@PROJSGwalior) December 11, 2024
झील की लहरों की मानिद फिज़ा में उठीं स्वर लहरियाँ
भारतीय एवं पाश्चात्य देशों की धुनों का हुआ अद्भुत समागम#gwalior @CMMadhyaPradesh @DrMohanYadav51 @JansamparkMP @MPTourism @minculturemp @GwaliorComm @dmgwalior @jdjsgwalior pic.twitter.com/Or22bTT8yh
लाइव चित्रांकन शिविर में 10 सुप्रसिद्ध चित्रकार
तानसेन शताब्दी समारोह में मुख्य समारोह के दौरान देश के 10 वरिष्ठ चित्रकारों द्वारा शास्त्रीय राग आधारित लाइव चित्रांकन एवं प्रदर्शनी का आयोजन 14 से 19 दिसम्बर तक तानसेन समाधि स्थल परिसर में किया जा रहा है. इसमें लक्ष्मी नारायण भावसार - भोपाल, जॉन डगलस - मुम्बई, मानस जेना - भुवनेश्वर, महेश चन्द्र शर्मा - दिल्ली, उत्तमा दीक्षित - वाराणसी, कनु पटेल - आनंद गुजरात, पवन कुमावत - किशनगढ़ राजस्थान, रामचन्द्र खरतमाल - पुणे, अवधेश मिश्रा - लखनऊ, वेद प्रकाश पालीवाल - हिमाचल प्रदेश सम्मिलित होंगे. इसके अलावा ललितकला महाविद्यालयों द्वारा तैयार चित्रों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है.
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