Madhya Pradesh News : संगीतधानी ग्वालियर (Music City Gwalior) में चल रहे विश्व संगीत समागम यानी तानसेन समारोह में 25 दिसंबर को जहां वर्ल्ड रिकॉर्ड मध्य प्रदेश सरकार को मिला वहीं प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया. दिलचस्प बात यह रही कि वर्ल्ड रिकॉर्ड को ग्रहण करने के लिए सीएम मौजूद रहे लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार उनकी जगह मंत्री ने दिया. ग्वालियर में भव्य एवं गरिमामय समारोह में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत (Indian Classical Music) के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि धारवाड़ (Pandit Ganpati Bhatt Hasanagi) को शास्त्रीय संगीत का देश का सबसे प्रतिष्ठित व "राष्ट्रीय तानसेन सम्मान'' (Tansen Samman) से अलंकृत किया गया. उन्हें यह अलंकरण 2022 के लिये दिया गया है. इसके साथ ही उज्जैन की संस्था मालव लोक कला केन्द्र को वर्ष 2022 के “राजा मानसिंह तोमर सम्मान” प्रदान किया गया. ये सम्मान मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अलंकरण समारोह के दौरान दिए, हालांकि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav Chief Minister Madhya Pradesh) थे, वे ग्वालियर आये भी थे, लेकिन अलंकरण समारोह में नहीं पहुंचे. ऐसा बताया जा रहा है कि समय की कमी के चलते वे नहीं पहुंच सके.
ताल दरबार में सीएम पहुंचे थे
संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में राष्ट्र गीत वंदे मातरम की धुन पर "ताल दरबार" ने मध्यप्रदेश के संगीत को एक वैश्विक पहचान दिलाई है. यूनेस्को द्वारा चयनित संगीत नगरी में राष्ट्रीयता का उद्घोष करते हुए 1300 से अधिक संगीत साधकों ने प्रदेश की ऐतिहासिकता, सांस्कृतिकता और संगीत की त्रिवेणी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया है. इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था का प्रमाण पत्र ग्रहण किया.
सीएम का संदेश सुनाया गया
कार्यक्रम घोषित होने और शहर में मौजूद रहने के बावजूद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस सम्मान समारोह में नहीं पहुंचे. वे एयरपोर्ट से सीधे किले पर चल रहे तबला वादन कार्यक्रम में पहुंचे और वहीं से वापस लौट गए. इस कारण अलंकरण समारोह में सीएम के स्थान पर स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कार्यक्रम में पहुंचे. तोमर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन व इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर का संदेश सुनाया. उन्होंने कहा तीनों वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने अगले वर्ष आयोजित होने वाले 100वां तानसेन समारोह पूरी गरिमा एवं ऐतिहासिक भव्यता के साथ आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
अलंकरण के साथ भेंट की पांच लाख रुपये की सम्मान राशि
समारोह में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर व विधायक मोहन सिंह राठौर सहित अन्य अतिथियों ने पं. गणपति भट्ट को राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण के रूप में पांच लाख रुपए की सम्मान राशि, प्रशस्ति पट्टिका व शॉल-श्रीफल भेंट किए. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत सम्राट तानसेन के नाम से स्थापित यह सम्मान भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय संगीत सम्मान है. राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से विभूषित पंडित गणपति भट्ट ने तानसेन सम्मान प्रदान करने के लिये राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद व कृतज्ञता व्यक्त की. उन्होंने कहा यह पुरस्कार हमारे लिए मेरी माताजी का प्रसाद है. उन्होंने इस अवसर पर अपने महान संगीतज्ञ गुरूओं स्व. बसवराज राजगुरू और पं. सी आर व्यास का स्मरण कर उन्हें नमन किया.
यह संस्थाएं हुईं सम्मानित
राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान के रूप में मालव लोक कला केन्द्र उज्जैन को पांच लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पट्टिका भेंट कर सम्मानित किया गया. संस्था की निदेशक कृष्णा वर्मा ने यह सम्मान ग्रहण किया. यह संस्था मालवा की लोक संस्कृति के विकास के लिये समर्पित है. राजा मानसिंह तोमर सम्मान कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही संस्था को राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है.
तानसेन समारोह को और गौरवशाली बनाएंगे : तोमर
अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री तोमर ने कहा कि तानसेन समारोह को और गौरवशाली बनाने के लिये प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है. अगले साल आयोजित होने वाले 100वें तानसेन समारोह को ऐतिहासिक रूप देने के लिये अभी से तैयारियां की जायेंगीं. उन्होंने कहा खुशी की बात है कि ग्वालियर शहर को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा म्यूजिक सिटी घोषित किया गया है. म्यूजिक सिटी की गरिमा के अनुरूप शहर में और भी कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे.
27 दिसम्बर को स्थानीय अवकाश
ज्यादा से ज्यादा लोग तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद ले सकें, इस उद्देश्य से संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने 27 दिसम्बर को स्थानीय अवकाश घोषित किया है.
यह भी पढ़ें : CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान, अब 25 दिसंबर को हर साल MP में मनाया जाएगा 'तबला दिवस'