
Union Carbide Toxic Waste Disposal: पीथमपुरा में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान के संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश सरकार, मध्यप्रदेश पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को नोटिस जारी किया है. दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी मामले में यूनियन कार्बाइड के कचरे को निपटान के लिए अनुमति दे दी थी. उसके बाद याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे.
याचिकाकर्ताओं ने आशंका जताई है कि कचरे के जलाने से क्षेत्र में रेडिएशन फैलने का खतरा है. साथ ही क्षेत्र में अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होनी है.
बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने 6 जनवरी को भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy) मामले में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान के संबंध में राज्य सरकार को छह सप्ताह का समय दिया था.
पीथमपुरा के लोगों से सलाह नहीं ली गई
याचिका में कहा गया है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को भोपाल से पीथमपुरा ले जाने का फैसला लेते समय पीथमपुरा के लोगों से सलाह नहीं ली गई. साथ ही पीथमपुरा में रेडियेशन का खतरा हो सकता है अगर वहां एसा होता है तो पीथमपुरा मे उचित मेडिकल सुविधाएं मौजूद नहीं है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तीन दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि भोपाल से डिस्पोजल साइट पर कचरे को चार हफ्ते मे पहुंचाया जाए.
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