
School Auto Dindori: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडोरी जिले के बजाग विकासखंड के आदर्श ग्राम चांडा से चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. यहां एक छोटे से ऑटो में एक - दो नहीं, बल्कि ड्राइवर समेत करीब 20 स्कूली छात्र ठूंसे हुए नजर आ रहे हैं. तस्वीरें चीख-चीखकर बता रही हैं कि इन छात्रों की हर दिन की यात्रा मौत से मुकाबले जैसी होती है. हर दिन छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल तक पढ़ने के लिए जाते हैं. और ऐसा कई दिन से चल रहा है, जिसपर सरकार ध्यान नहीं दे रही है.
पांच गांव के बच्चों की जान खतरे में
जानकारी के अनुसार, पांच गांव से रोज इसी तरह जान जोखिम में डालकर छात्र स्कूल जाते हैं. तरच, भुरसी, नीलकुन्हा, दनदना और बघरेली गांव और उसके आसपास के इलाके के ये बच्चे हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल चांडा में पढ़ाई करते हैं, जो करीब 12 किलोमीटर दूर है. लेकिन, न तो गांव में कोई स्कूल बस है, न ही कोई वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था है. मजबूरी में इन छात्रों को हर रोज एक खटारा ऑटो में लटककर स्कूल जाना पड़ता है.
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चरमराई शिक्षा व्यवस्था
यह स्थिति केवल एक गांव की ही नहीं है, बल्कि आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले की शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है. गरीब आदिवासी बच्चे पढ़ना चाहते हैं, कुछ बनना चाहते हैं, लेकिन पढ़ाई तक पहुंचने का सफर ही जानलेवा हो चुका है. सबसे खास बात ये है कि मामले में किसी अधिकारी ने अब तक संज्ञान या एक्शन भी नहीं लिया है.
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