
Satpura Tiger Reserve News : नर्मदापुरम के गुड़ला, शुक्करवाडा में रातापानी से भागकर आए टाइगर को पकड़ने में वन विभाग नाकाम रहा है. गुड़ला में लगाएं पिंजरे में तीन दिन बीतने के बाद भी टाइगर कब्जे में नहीं आया है. 14 दिन से घूम रहे बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने एसटीआर की मदद ली है. नर्मदापुरम सामान्य वन मंडल और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के करीब 150 से ज्यादा वन अधिकारी और वनकर्मी बाघ को पकड़ने के लिए रेक्स्यू करेंगे.
गुरुवार सुबह से रेस्क्यू शुरू हो जाएगा
बाघ की निगरानी करने के लिए एसटीआर से दो हाथी भी बुलाएं गए है. कैमरे भी 8 से बढ़कर अब 25 कैमरे कर दिए गए. बाघ को पकड़ने का पूरा रेस्क्यू एसटीआर फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा के नेतृत्व में होगा. एसटीआर से दो हाथियों को लेकर महावत रवाना भी हो गए हैं. गुरुवार सुबह से रेस्क्यू शुरू हो जाएगा, जिसके लिए वन विभाग ने जिला प्रशासन और पुलिस को भी तैनात रहने के लिए सहयोग मांगा हैं.
बार-बार गांव में आ रहे टाइगर को जल्द पकड़ लिया जाए
इसके अलावा ड्रोन के जरिए टाइगर की तलाश की जा रही है. वन विभाग और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व टीम का प्रयास है कि बार-बार गांव में आ रहे टाइगर को जल्द पकड़ लिया जाए, जिससे क्षेत्र में टाइगर की दहशत खत्म हो. जानकारी के मुताबिक ग्राम गुढ़ला, शुक्करवाड़ा, धनसी में नर्मदा किनारे रातापानी टाइगर रिजर्व का एक टाइगर लबे समय से चहलकदमी कर रहा है. इसके कारण तीनों गांव में दहशत बनी हुई है.14 मई को बाघ ने एक बकरी और फ़िर एक मवेशी का शिकार किया.
करीब 150 वन अमला इसमें शामिल रहेगा
जिससे गांवों में बाघ की दहशत है. वन विभाग ने पिंजरा लगाकर उसमें शिकार रखा है. लेकिन शिकार के लालच में भी टाइगर पिंजरे के पास नहीं आ रहा है. अब पकड़ने के लिए विभाग ने ड्रोन, हाथी की मदद लेने का निर्णय लिया. ड्रोन के जरिए आसपास के क्षेत्र में भी तलाशी अभियान चलाया जाएगा. साथ ही करीब 150 वन अमला इसमें शामिल रहेगा.
ग्राम गुढ़ला में पांच कैमरे लगाए हैं
वन विभाग ने टाइगर की मॉनीटरिंग करने के लिए ग्राम गुढ़ला में पांच कैमरे लगाए हैं. इसमें पिछले दिनों टाइगर का फोटो मिला था. टाइगर ने अलग-अलग स्थानों पर दो शिकार किए थे. इन्हें खाने के बाद वह नाले की झाड़ियों के बीच चला गया है। इसके बाद से कैमरे में टाइगर का कोई फोटो नहीं आया, अब 25 कैमरे लगाए है.
फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया गया. लेकिन पिंजरे में टाइगर नहीं आ रहा है. इसलिए दो हाथी एसटीआर से बुलाए है. करीब 150 से ज्यादा वन कर्मियों का अमला बाघ के रेस्क्यू में शामिल रहेगा. भोपाल से भी कुछ एक्सपर्ट बुलाएं है। एसटीआर और वन विभाग का संयुक्त अमला उसका रेस्क्यू करेगा.
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